मुंबई क्रूज ड्रग्स केस विवाद के बीच एक और बयान सामने आया है, जो नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की परेशानियां बढ़ा सकता है. ड्रग्स से जुड़े एक अन्य केस के गवाह ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े ने उनसे भी सादे कागज (ब्लैंक पेपर) पर साइन कराए.
ये ड्रग्स केस खारघर से हुई एक नाइजीरियन की गिरफ्तारी से जुड़ा है. इस केस में गवाह बनाए गए शेखर कांबले सामने आए हैं. शेखर कांबले ने दावा किया है कि उनसे 10-12 सादे कागजों पर साइन कराए गए, जिनका बाद में पंचनामे के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
बता दें कि शेखर कांबले से पहले शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े केस के गवाह प्रभाकर सैल भी इसी तरह का दावा कर चुके हैं. प्रभाकर सैल ने भी ब्लैंक पेपर पर साइन कराने और आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की डील जैसे गंभीर इल्जाम लगाए हैं, जिनकी जांच भी शुरू हो गई है. प्रभाकर के आरोपों पर समीर वानखेड़े मुश्किल में घिरे नजर आ रहे हैं. वहीं, इस बीच शेखर कांबले का बयान भी मामले को और तूल दे सकता है.
आजतक से बातचीत में शेखर कांबले ने कहा, ''मैंने कल टीवी पर खबर देखी, जिसमें खारघर केस का जिक्र किया गया था. मैं डर गया. मुझे अनिल माने नाम एक एनसीबी अधिकारी का कॉल आया. आशीष रंजन नाम के एनसीबी अधिकारी केस हैंडल कर रहे थे.
समीर वानखेड़े का भी लिया नाम
शेखर कांबले ने दावा किया है कि उससे अनिल माने ने देर रात संपर्क किया और किसी से भी बात नहीं करने को कहा. शेखर ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े का भी नाम लिया. शेखर कांबले ने कहा, ''वानखेड़े ने मुझे ब्लैंक पेपर पर साइन करने को कहा और कुछ न होने की बात कही.''
शेखर कांबले ने वॉट्सऐप कॉल रिकॉर्ड भी दिखाया है.