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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शन, जब्त की 205 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से ईडी ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये है. इससे पहले नोएडा एसटीएफ ने विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया है.

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ED ने जब्त की 205.49 करोड़ की संपत्ति. (फाइल फोटो)
ED ने जब्त की 205.49 करोड़ की संपत्ति. (फाइल फोटो)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. जिसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये है.
 
ईडी ने मामले में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शराब घोटाले में एक नई ईसीआईआर दर्ज की है।

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ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति को कुर्क किया गया है, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये हैं. 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की हैं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ है. 3 संपत्ति विकास अग्रवाल की हैं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ है. 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की हैं, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ है. अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है.

इसके अलावा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 9 संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत 28.13 करोड़ रुपये है. नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण भी कुर्क किए हैं. आशीष सौरभ केडिया/ दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ की संपत्ति और एक वाहन को कुर्क किया है, जिसकी कीमत 0.13 लाख है. अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में उनकी फर्म ए ढेबर बिल्डकॉन के बैनर तले चल रहे होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर और एकॉर्ड बिजनेस टावर के नाम से एक कमर्शियल बिल्डिंग भी शामिल हैं.

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नोएडा STF ने विधु गुप्ता को किया गिरफ्तार

वहीं, इससे पहले नोएडा एसटीएफ ने छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाला मामले में विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया था. विधु गुप्ता ग्रेटर नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है. ईडी की शिकायत पर नोएडा के थाना कासना में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था और उसी के आधार पर विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया है.

आरोपों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों की मिली भगत से राज्य में शराब माफिया अवैध शराब की बोतलों पर होलोग्राम लगाकर बेचा जा रहा था. अवैध शराब की ब्रिकी को सुनिश्चित करने के लिए आबकारी अधिकारियों और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी के प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा से होलोग्राम की आपूर्ति के लिए निविदा शर्तों में कथित रूप से बदलाव किया गया था.

ED ने जुलाई, 2023 में छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले में केस दर्ज किया था. आरोपियों में निरंजन दास जो तत्कालीन आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़, अरुण पति त्रिपाठी विशेष सचिव आबकारी, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा सचिव इंडस्ट्रीज छत्तीसगढ़ और पीएचएसएफ कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता का भी नाम शामिल था.

क्या है ईडी का आरोप

ED ने बताया कि 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई. आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे. ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से 'बड़ा कमीशन' कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया.

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