यूपी के एटा जिले में फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मियों पर अब प्रशासन एक्शन मोड में है. मामले में नामजद आरोपी पुलिसकर्मी शैलेंद्र और संतोष के अलावा शराब माफिया बंटू यादव के घर पुलिस ने देर रात ताबड़तोड़ छापेमारी की. हालांकि, फर्जी मुठभेड़ कांड के आरोपी गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए हैं. फिलहाल पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है.
आपको बता दें कि एटा देहात कोतवाली पुलिस के कुछ पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने ढाबा मालिक के भाई समेत करीब 10 लोगों को फर्जी मुठभेड़ में जेल भेज दिया. इनपर आर्म्स एक्ट, गांजा व अवैध शराब की धाराएं भी लगा दीं. पीड़ित की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच हुई तो पूरा मामले की हकीकत सामने आ गई. जांच में पूरा मामला फर्जी निकला.
मामले में दो सिपाहियों शैलेंद्र और संतोष को निलंबित कर दिया है. एडीजी जोन आगरा और आईजी ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करते हुए थानाध्यक्ष सहित तीन लोगों पर एफआईआर के आदेश दिए हैं.
हालांकि, फर्जी मुठभेड़ कांड का आरोपी शैलेंद्र पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. अन्य आरोपी भी गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए हैं. देर रात पुलिस ने शराब माफिया बंटू यादव के घर पर भी दबिश दी. लेकिन वह पुलिस की पकड़ से दूर है.
जानकारी के मुताबिक, जांच में पाया गया है कि शराब माफिया बंटू यादव ने ही ढाबा पर पकड़े गए लोगों पर मुकदमा लगाने के लिए पुलिसकर्मियों को शराब, गांजा आदि दिए थे.फिलहाल बंटू अभी भी फरार है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला कोतवाली देहात थाना का है. प्रवीण कुमार नाम के एक दिव्यांग व्यक्ति ने आरोप लगाया कि गांव के पास सड़क किनारे वह परिवार संग एक छोटा सा ढाबा चलाता है. इस बीच कुछ पुलिसकर्मी उसके ढाबे पर खाने के लिए आए. लेकिन सिपाहियों से खाने के रुपये मांगना उसे भारी पड़ गया.आरोप है कि पहले तो सिपाहियों ने ढाबे वाले की जमकर पिटाई करते हुए गाली गलौज की और कहा तेरा ढाबा नहीं चलने देंगे.
फिर अगले दिन दोपहर में 2 बजे के आसपास थानाध्यक्ष सहित भारी फोर्स के साथ होटल पर दबिश दे दी. होटल के कर्मियों सहित होटल पर खाना खा रहे ग्राहकों सहित करीब 11 लोगों को उठाकर पुलिस थाने ले आई. जिसमें से एक व्यक्ति को कुछ रुपये लेकर छोड़ दिया और बाकी पर फर्जी मुठभेड़ दिखाकर शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की तस्करी का आरोप लगाकर जेल भेज दिया. पीड़ितों के पास से असलहे की बरामदगी भी दिखाई गई.
वहीं इस पूरे मामले पर जांच कर रहे एडिशन एसपी क्राइम राहुल कुमार ने बताया के जिलाधिकारी के द्वारा एक प्रार्थना पत्र जांच के लिए मेरे पास आया है. जिसमें पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध रही है. पुलिसकर्मियों द्वारा गलत तरीके से लोगों को फंसाने का मामला संज्ञान में आया है, अगर प्रकरण में पुलिस के द्वारा फर्जी तरीके से लोगों को जेल भेजने का मामला जांच में सही पाया गया तो किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा. सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.