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UP में फिर होते-होते बचा बिकरू कांड, पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, फायरिंग करके छुड़ा लिया आरोपी

Etah Attack On Police Team : रात में हुई इस घटना का शिकार हुए कई पुलिसकर्मी अभी भी घटना को यादकर कर सिहर उठते हैं. मौके पर गए पुलिसकर्मियों ने आजतक को अपनी आपबीती भी सुनाई. उधर, आरोपी के परिजनों का आरोप है कि दबिश के नाम पर घर में पुलिस ने उत्पात मचाया और सामान की तोड़फोड़ की थी. वहीं, महिलाओं से भी छेड़खानी की गई.

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पुलिसकर्मियों ने Aajtak को आपबीती सुनाई.
पुलिसकर्मियों ने Aajtak को आपबीती सुनाई.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरोपी के परिजनों और ग्रामीणों ने किया हमला
  • हमले में पांच पुलिसकर्मी हुए घायल
  • दबिश के नाम पर पुलिस ने घर में मचाया उत्पात: ग्रामीण

यूपी के एटा में विकास दुबे के बिकरू गांव जैसा कांड होते-होते बच गया. देर रात पोक्सो एक्ट के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने मिलकर हमला बोल दिया. पुलिस को खेतों में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. यही नहीं, पुलिस की जीप में आग लगाने की कोशिश भी हुई. वहीं, पुलिसकर्मियों पर तमंचे से फायरिंग भी की. पुलिस के साथ मारपीट में ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर मौके से फरार करा दिया. जैसे-तैसे पुलिस अपनी जान बचाकर थाने पर वापस आ सकी. 

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Aajtak को सुनाई आपबीती में पुलिसकर्मी राहुल कुमार ने बताया, "हम लोगों को बताया गया कि नगला जवाहरी में एक पोक्सो का आरोपी पकड़ना है. हम सब मुजरिम पकड़ने गए. गांव पहुंचकर आरोपी को पकड़ भी लिया. हमने जैसे ही आरोपी पकड़ा, वैसे ही वह चिल्लाने लगा. उसकी आवाज सुनकर गांव वाले आ गए और उन्होंने हमारे साथ मारपीट की. ईंट-पत्थर फेंके और आरोपी को छुड़ा ले गए.''

पुलिसकर्मी मनोज कुमार ने बताया, "आरोपी को पकड़ने के दौरान गांव में लोग प्रयास कर रहे थे कि पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी जाए, लेकिन हमने अपनी गाड़ी को बचाने के लिए काफी प्रयास किया. हमारे हाथों में डंडे मारे गए. हम वहां से भाग छूटे. गांववालों ने हमारा पीछा भी किया. इनमें एक कौशलेंद्र नाम का शख्स भी शामिल था, जो कि समाजवादी पार्टी से विधायकी लड़ने की तैयारी कर रहा है. उसने गांववालों से बोला था कि जितनी पुलिस फोर्स आयी है, उस पर गोली चलाओ."

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घटना की रात के बारे में जानकारी देता पुलिसकर्मी.

 
घटना की सच्चाई जानने के लिए Aajtak की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर ग्रामीणों और आरोपी के परिजनों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्थानीय थाने की पुलिस पोक्सो एक्ट के आरोपी छोटेलाल को पकड़ने रात में आ धमकी थी. जब आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगा, तो उसने हमारे घरों में तांडव मचाते हुए सारा सामान तोड़ दिया और महिलाओं के साथ बदलसलूकी की. साथ ही घर की लड़कियों को पकड़कर ले गए. पुलिस हमारा उत्पीड़न इसीलिए कर रही है, क्योंकि हमारा बेटा सपा का नेता है. पुलिस हमारे ऊपर झूठा आरोप बना रही है. ग्रामीणों ने Aajtak की टीम को एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी एक लड़की को पकड़कर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. 

आरोपी की ताई सर्वेश देवी ने बताया कि पहली बात तो यह है कि यहां आरोपी था ही नहीं और न ही हमने किसी के साथ मारपीट की. बहू की तबीयत खराब होने के कारण हमारा परिवार हॉस्पिटल में था. महिला का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके घर की तोड़फोड़ की और बहू के सभी जेवरात भी समेट ले गई.  आरोपी के परिवार को 2 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.  

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महिला ने लगाया पुलिस पर घर में तोड़फोड़ करने का आरोप.

ग्रामीण सुदेश यादव का कहना है कि पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने आई थी. आरोपी घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने दूसरे घर पर जाकर उसकी तलाश की. रात के वक्त वहां पर लड़कियां सो रही थीं. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ और लड़की के साथ बदतमीजी की. अब उन्हीं महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.  

पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला किया और आरोपी को छुड़ा लिया. पुलिसकर्मियों पर जानलेवा भी हमला किया, इसीलिए हमने मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. 

एसपी क्राइम स्नेहलता ने बताया कि पुलिस टीम पर हुए हमले में 10 नामजद आरोपी हैं और 10-15 अज्ञात हैं. इसमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी आरोपियों को तलाशा जा रहा है. जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. 

 

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