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'खून से सनी बच्ची को देख अपनी मिसेज को अंदर बुलाने गया, लेकिन...' उज्जैन कांड के चश्मदीद आए सामने

Ujjain News: उज्जैन के बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास 12 साल की बच्ची को दरिंदगी कर फेंक दिया गया. पीड़िता पैदल ही अर्धनग्न अवस्था में इधर-उधर बदहवास भागती रही. एक गुरुकुल में रहने वाले आचार्य राहुल शर्मा ने खून से लथपथ बच्ची को पुलिस के हवाले किया. गंभीर होने पर उसे इंदौर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

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पीड़िता से बात करने वाले चश्मदीद राजेश और आचार्य राहुल.
पीड़िता से बात करने वाले चश्मदीद राजेश और आचार्य राहुल.

महाकाल की नगरी उज्जैन में हुई निर्भया रेप कांड जैसी घटना ने विचलित करके रख दिया है. अब पीड़ित बच्ची से मिले प्रत्यक्षदर्शी सामने आए हैं. इस मामले से जुड़े एक सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे शख्स राजेश को दुष्कर्म पीड़िता सबसे पहले बदहवास हालत में घूमती दिखी थी. इस पूरी घटना को लेकर चश्मदीद राजेश ने aajtak से बातचीत की.  

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शहर की तिरुपति ड्रीम्स कॉलोनी में रहने वाले राजेश ने बताया, ''मैं किसान हूं और रोजाना सुबह 5- 5:30 बजे उठता हूं. मंगलवार सुबह जैसे ही मैं उठा तो मैंने घर का गेट खोला और देखा कि सामने से एक अर्धनग्न हालत में छोटी बच्ची रोती हुई चली आ रही है. मैंने उससे पूछा कि बेटा क्या हुआ? तो उसने कुछ बताने की कोशिश की. लेकिन उसकी भाषा समझ में नहीं आई. मैं तुरंत अंदर गया और सोती हुई अपनी पत्नी को जगाया. मैंने उसे उठाया और कहा कि एक बच्ची बाहर अर्धनग्न घूम रही है. तुम चलो बाहर. हालांकि, जब तक हम दोनों घर के बाहर आए तब तक बच्ची वहां से जा चुकी थी. वह किस तरफ गई? कहां गई? इसके बारे में कुछ पता नहीं है. दरअसल, मुझे एक कार्यक्रम में नलखेड़ा जाना था. इसलिए मैं मोटरसाइकिल लेकर उज्जैन से निकल गया था.'' 

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बालिका को तुरंत मैंने ऊपरी वस्त्र दे दिया  

दूसरे मददगार और प्रत्यक्षदर्शी आचार्य राहुल शर्मा ने बताया, ''मुझे कहीं इमरजेंसी में गुरुकुल से बाहर जाना था. इसी दौरान मैंने देखा कि एक बदहवास बालिका इसी मार्ग से बड़नगर क्षेत्र की ओर पैदल जा रही थी. मैंने देखा बालिका के पांव पूरी तरह वस्त्र विहीन थे. ऊपर उसने छोटा-सा वस्त्र धारण कर रखा था. जिसे बार-बार खींचकर वह अपने शरीर को ढकने का प्रयास कर रही थी. मैंने उसे अपना तुरंत ऊपरी वस्त्र दे दिया. जिससे उसने अपने शरीर को ढका और फिर उसके बाद मेरे आश्रम में स्वल्पाहार करवाया. 

मैंने बच्ची से पूछा, भूख लग रही है? उसने मुझे हां का एहसास कराया. मैंने उसे आश्रम से लेकर नाश्ता और चाय दी. उसे जितना लगा, उतना उसने खाया. मैं उसे बार-बार पूछने का प्रयास किया कि तुम्हारा नाम क्या है? तुम कहां से आई हो? कहां की रहने वाली हो? या किस समय से उज्जैन में हो? तुम्हारे माता-पिता का कोई नाम नंबर याद हो तो वह मुझे बताओ. तुम यहां पर बिल्कुल सुरक्षित हो. किसी प्रकार का कोई भय नहीं है. मैंने बार-बार उसे विश्वास दिलाया. 10-20 मिनट होने के बाद वह मुझे कुछ बात तो नहीं पाई. कुछ बोल रही थी. हो सकता है कि उसकी भाषा मैं समझ नहीं पा रहा था. मैंने उसे पेन और कॉपी भी दी कि तुम इस पर कुछ लिखकर बताओ. जब वह कुछ नहीं लिख पाई तो मैंने तुरंत 100 नंबर पर डायल किया. 

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दो से तीन बार मेरा कॉल कट किया गया. उसके पश्चात मैंने महाकाल मंदिर के कुछ प्रशासनिक लोगों को कॉल किया. उन्होंने मुझे महाकाल थाने के नंबर दिए. मैंने वहां पर शिकायत दर्ज कराई. उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई. मैंने बच्ची को पुलिस के हवाले किया ताकि वह सुरक्षित हाथों में चली जाए. मुझे कहीं इमरजेंसी मीटिंग में जाना था. लेकिन इसके बावजूद अपने सारे कार्यों को मैंने स्थगित करके अपनी नजर के सामने पीड़िता को पुलिस को सौंपा.'' देखें Video:-

बता दें कि उज्जैन में 12 साल की बच्ची से दरिंदगी कर सड़क पर फेंकने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सीसीटीवी फुटेज को देखकर आप जानेंगे कि किसी ने हैवानियत की हद को किस तरह पार कर दिया. दरअसल, उज्जैन के बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास एक 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कर  फेंक दिया गया. जहां से वह पैदल ही अर्धनग्न अवस्था में इधर-उधर घूमती दिखाई दी. बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और इंदौर के लिए रेफर किया गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. इलाज के दौरान पुलिसवालों ने पीड़िता को खून भी दिया. उज्जैन SP का बयान:-

 

उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि जिले में अभी 2 दिन पहले जो घटनाक्रम हुआ था, उसमें हम लोगों ने एफआईआर दर्ज की थी. एसआईटी गठित करके सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. एक संदिग्ध से पूछताछ भी जारी थी. साक्ष्य भी निकले थे. जब तक कि पूरी तरह सबूत नहीं मिल पाते, तब तक हमारी विवेचना जारी रहेगी. इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. कुछ सबूत मिले हैं जिसके आधार पर हम लोग आगे की कार्रवाई कर रहे हैं. ये सत्यापित सिर्फ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही किया जाता है. जब तक मेडिकल रिपोर्ट आती है, हमें उसका इंतजार करना होगा. 

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