तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इसके 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 1.65 लाख के 330 नकली नोट, 2 मोटरसाइकिल, 1 टवेरा कार, प्रिंटर, 7 मोबाइल फोन, करेंसी बनाने वाले केमिकल, उपकरण और तीन चाकू जब्त किए हैं.
गौरतलब है कि जिला पुलिस को एक अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी. इस पर पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया और धर्माबाद, बैंसा और निजामाबाद से गिरोह के 5 सदस्यों को धर दबोचा. पुलिस आरोपियों से यह पता लगाने का प्रयास कर रही कि अब इस गिरोह ने कितनी करेंसी छापी है. छापी गई करेंसी कहां और कैसे खपाई गई.
एंबुलेंस से बरामद हुए नकली नोटों से भरे बक्से
इससे पहले इसी महीने के पहले सप्ताह गुजरात की सूरत पुलिस ने दो-दो हजार रुपये के नकली नोटों से भरे बक्सों को एक एंबुलेंस से बरामद किया था. अमूमन एंबुलेंस का इस्तेमाल बीमार या जरूरतमंद लोगों को अस्पताल तक ले जाने के लिए होता है, लेकिन सूरत में नकली नोटों को इधर से उधर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल हो रहा था. बक्सों से करोड़ों नकली नोट बरामद किए गए.
29 सितंबर को सूरत में बरामद हुई थी बड़ी खेप
उधर, 29 सितंबर को सूरत जनपद की कामरेज थाना पुलिस ने अहमदाबाद से मुंबई जाने वाले हाईवे पर पारडी गांव के पास से एक दीकरी एज्यूकेशन ट्रस्ट की एंबुलेंस को रोक कर उसके अंदर से नकली नोटों से भरे 6 बक्से बरामद किए थे. नकली नोट मामले के मास्टरमाइंड विकास जैन को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था. इतना ही नहीं तकरीबन 317 करोड़ नकली रुपयों की बरामदगी मामले पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया.