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बीस साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर आतंकी हमला हुआ था. संसद को गोलियों से दहला देने वाले आतंकी फर्जी स्टीकर लगी एक एम्बेसडर कार में बैठकर आए थे. 19 नवंबर 2020 को कश्मीर में नगरोटा में आतंकी हमला हुआ था, लेकिन सतर्क सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया था. ये चारों आतंकवादी फर्जी नंबर प्लेट वाले ट्रक पर सवार थे. लेकिन एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में फर्जी होलोग्राम वाली नंबर प्लेट बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है.
चंद रुपये बचाने के स्वार्थ और कुछ रुपये कमाने के लालच में पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखाया जा रहा है. मेहराब, अनिल, सनी, और राजेश जैसे ना जाने कितने लोग? जिन्हें 'आज तक' की इन्वेस्टिगेटिव टीम ने अपने छिपे हुए कैमरे पर कैद किया है. क्योंकि हर वाहन की सुरक्षा के लिए जब दिल्ली में HSRP यानी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना जरूरी है. स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि दिल्ली के कार बाजारों में खुलेआम नियमों को ताक पर रखने की फर्जी नंबर प्लेट लगाने की दुकानें चल रही हैं.
असल में, दिल्ली में अगर आपने अप्रैल 2019 से पहले कार खरीदी है तो आपको हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट लगवानी होती है. सरकार ने ऐसा नियम बनाया है जिसका पालन नहीं करने पर 5,000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना देना पड़ता है. लेकिन आजतक के इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि राजधानी में नंबर प्लेट्स का गोरखधंधा चल रहा है.
'आजतक' की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि राजधानी दिल्ली में स्टैंडर्ड हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRP) का अंडरग्राउंड बाजार चल रहा है, जहां पर चोरी किए गए नंबर प्लेट्स की कॉपी तैयार करके बेची जाती है. यानी कुछ पैसे खर्च करके आप यहां से फर्जी नंबर प्लेट्स बनवा सकते हैं.
आजतक ने पाया कि दिल्ली के करोल बाग और कश्मीरी गेट की कार मार्केट में हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट का फर्जीवाड़ा चल रहा है.
हमारी टीम करोल बाग के कार मार्किट में पहुंची जहां हमारी मुलाकात जोली कार नंबर प्लेट्स की शॉप पर बैठे शख्स अनिल से हुई. अनिल ने कबूल किया कि वे इन दिनों नकली रजिस्ट्रेशन प्लेट्स का कारोबार कर रहे हैं.
अनिल ने हमें नंबर प्लेट दिखाई जो हू-ब-हू होलोग्राम वाली सरकारी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह है और जिसमें नंबर के बीच में इंडिया भी प्रिंट है.
अनिल- हम तो अपनी वाली बना रहे हैं जी.
रिपोर्टर- ये कितने की है.
अनिल- 700 रुपये की. ये रेडियम लेटर हैं, उतरेंगे नहीं.
रिपोर्टर- अच्छा इसमें इंडिया लिखा हुआ है आप वाली में तो...
अनिल- हां वैसी है जैसे कंपनी की आती है.
अनिल ने बताया कि वो "रोज़ाना नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अपनी इसी दुकान में बनाता है." अनिल ने ये भी दावा किया कि "मैंनें परसों 4 गाड़ी की नंबर प्लेट बनाकर दी है."
अनिल ने एक नकली प्लेट की ओरिजनल से तुलना करते हुए दिखाया और दावा किया, "ये भी नकली है...ये बाहर से बनकर आती है ये हम नहीं बनाते." उसने कहा, "ये आपको कवर के साथ पड़ेगी 700 रुपये की."
अनिल ने हमारी टीम से कहा कि "अगर आपको ये चाहिए तो ये बाहर से बनकर आएगी." रिपोर्टर ने पूछा कि कहां तो उसने कहा, "ये रोहिणी से बनकर आएगी."
क्या है HSRPs?
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRPs) अशोक चक्र वाला एक होलोग्राम स्टीकर होता है. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहन सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इस पर 10 डिटिज का लेजर-ब्रांडेड परमानेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर होता है और इलेक्ट्रॉनिकली वाहन से जोड़ा जाता है. एक बार जुड़ने पर इसे वाहन से अलग नहीं किया जा सकता. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अगर आपकी कार चोरी हो जाए तो इसे पहचाना जा सके.
लेकिन मेहराब जैसे जुगाड़ मैकेनिक ने इसका भी तोड़ खोज लिया है. दिल्ली के कश्मीरी गेट पर स्थानीय पुलिस स्टेशन से महज कुछ ही दूरी पर मेहराब नकली नंबर प्लेट बेच रहे हैं. मेहराब से हमने पूछा कि 20 कमर्शियल गाड़ियों की हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट बनवानी है. मेहराब तुरंत तैयार हो गया और हां कर दी.
रिपोर्टर- कमर्शियल गाड़ी की बना दोगे.
मेहराब- कोई सी भी बनवा लो.
रिपोर्टर- 20 गाड़ियों की बननी है. बताओ?
मेहराब- हां
रिपोर्टर- पैसे बताओ
मेहराब- सभी गाड़ियां कमर्शियल हैं?
रिपोर्टर- सब कर्मशियल हैं.
मेहराब- फ्रेम के साथ लगाओगे या बिना फ्रेम के?
रिपोर्टर- हां हां, फ्रेम के साथ.
रिपोर्टर- 600 रुपये की (प्रति प्लेट).
मेहराब ने दावा किया कि "पूरे कश्मीरी गेट की नकली हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट्स वहीं बनती हैं. अंदर आप कहीं भी जाओगे मार्केट में, आएगा बंदा मेरे ही पास लेकर." रिपोर्टर ने पूछा कि कितने दिन में हो जाएगा तो मेहराब ने बताया कि एक दिन में.
कश्मीरी गेट मार्केट में हमारी मुलाकात एक दुकानदार सन्नी से हुई. हमने उनके सामने हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट बनवाने की पेशकश की तो सन्नी ने बताया कि बाज़ार में असली वाली प्लेट की कॉपी मिल रही है. सन्नी ने ये भी बताया कि 800 रुपये में बन जाएगी. अनिल ने ये भी दावा किया कि "गारंटी है पुलिस परेशान नहीं करेगी."
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हमारे रिपोर्टर से बातचीत में सन्नी ने भी दावा किया कि वे हाई सिक्योरटी नंबर प्लेट बनाते हैं और ये असली नंबर प्लेट की कॉपी होती है जो असली की ही तरह दिखती है. सन्नी का कहना था कि ये असली की ही तरह काम करेगी और कोई परेशानी नहीं आएगी.
रिपोर्टर के ये पूछने पर कि पुलिस से पकड़े जाने का रिस्क तो नहीं है, इस पर सन्नी ने कहा, "नहीं नहीं, लोग ले जाते है क्योंकि सिंपल प्लेटें तो बननी बंद हो गई हैं. हमारा धंधा बंद हो गया. सब बंदे यही बनवा कर ले जा रहे हैं."
सरकार ने अपराध की रोकथाम के लिए ये व्यवस्था की थी, लेकिन ये फर्जीवाड़ा एक चुनौती है. असली नंबर प्लेट की चोरी करके नकली नंबर प्लेट बेचे जा रहे हैं जिनसे असली और नकली की पहचान मुश्किल हो जाएगी.
(आजतक ब्यूरो)