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दिल्ली: फर्जी IHRC अधिकारी बनकर शराब के ठेकों पर करते थे रेड, पुलिस ने छह को दबोचा

फर्जी अधिकारी द्वारा धमकी दी जा रही थी कि यहां सूचना मिली है कि नाबालिगों को शराब बेची जा रही है. शराब ठेके का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसके एवज में पैसों की डिमांड की जा रही थी. 

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पुलिस गिरफ्त में आये फर्जी IHRC अधिकारी
पुलिस गिरफ्त में आये फर्जी IHRC अधिकारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिखाते थे लाइसेंस रद्द कराने का डर
  • पुलिस ने शिकायत के बाद की कार्रवाई 

नई दिल्ली साकेत मॉल में शराब के ठेके पर एक फर्जी इंटरनेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (IHRC ) की टीम ने छापा मारा. दुकान के शटर को बंद कर लिया गया और फिर वहां शराब के ठेकेदार को हड़काना शुरू कर दिया. फर्जी अधिकारी द्वारा धमकी दी जा रही थी कि यहां सूचना मिली है कि नाबालिगों को शराब बेची जा रही है. शराब ठेके का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसके एवज में पैसों की डिमांड की जा रही थी. 

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साउथ दिल्ली के एडिशनल डीसीपी परविंदर सिंह ने बताया कि डिवीजन अधिकारी एएसआई विक्रम और एएसआई गिरिराज अपनी टीम के साथ सिलेक्ट सिटी मॉल के पास मौजूद थे, जब एक विनय कुमार सिंह नाम के व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया. उन्होंने बताया कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति साउथ पार्क मॉल में उनकी शराब की दुकान पर आए हैं, जो उन्हें धमकी दे रहे हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से हैं और शराब की दुकान के प्रबंधक से इस बहाने पैसे मांग रहे हैं.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम तुरंत दुकान नंबर 12 साकेत मॉल नई दिल्ली पहुंची और पाया कि दुकान का शटर बंद था. एक मारुति अर्टिगा कार दुकान के सामने खड़ी थी. उस कार पर नंबर प्लेट के ऊपर राष्ट्रीय सचिव अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन लिखा हुआ था. वहां पहुंचने के बाद दुकान का शटर खुला मिला और पाया कि दुकान के अंदर 5 व्यक्ति मौजूद हैं, जो शराब दुकानदार को डरा धमका रहे हैं,

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जब पुलिस उन लोगों से पूछताछ की तो वे अपनी पहचान बखूबी अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के अधिकारी के रूप में बताने लगे. पुलिस को बताने से पहले मैनेजर ने अपने मालिक को इस मामले की जानकारी दे दी. जिस पर उन्होंने बताया कि कल भी उनकी दूसरी दुकान पर ऐसे ही 6 लोग आए थे और डरा धमका कर पैसे ले गए हैं, जिसके बाद तुरंत दूसरी दुकान से स्टाफ को इनकी पहचान करने के लिए बुलाया गया. वहां के स्टाफ ने इन लोगों की पहचान कर ली और बताया कि ये लोग उनसे पैसा ले गए थे. 

पुलिस टीम को शक हुआ तो इन सभी को हिरासत में लेकर थाने ले आई. पूछताछ के दौरान इस फर्जी टीम ने खुद ही पूरी सच्चाई बयां कर दी. गिरफ्तार मुख्य आरोपी शशांक पेशे से वकील है. उसने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन नामक एक गैर सरकारी संगठन में कानूनी सलाहकार के रूप में काम करता है. उसने जल्दी पैसे कमाने के लिए ये प्लान बनाया.

उसने ड्राइवर के साथ एक टैक्सी 50 हजार रुपये महीने के किराये पर ली और ओहदे का पावर दिखाने के लिए 32 हजार में दो पीओएस हायर किए और एक बाउंसर को 25 हजार रुपये महीने पर रखा. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कुमार शशांक, नीरज, नितिन, नरेश, प्रदीप और शत्रुघ्न के रूप में हुई है. ये सभी दिल्ली, हरियाणा राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

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