यूपी के संभल में नकली दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्री पर 7 जिलों की संयुक्त टीम ने असिस्टेंट कमिश्नर के नेतृत्व में कार्रवाई की है. पुलिस टीम को करीब 40 लाख से ज्यादा कीमत की नकली दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं. वहीं, पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, संभल में बड़े स्तर पर ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्री और गोदाम की जानकारी प्रशासन को मिली थी. इसके बाद मुरादाबाद मंडल के असिस्टेंट कमिश्नर दीपक शर्मा के नेतृत्व में छापेमारी की गई. इसमें गाजियाबाद, मेरठ, बिजनौर,मुरादाबाद,अमरोहा और संभल जनपद सहित 7 जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे.
इन्होंने संभल कोतवाली पुलिस के साथ मुरादाबाद रोड स्थित राम विहार कॉलोनी और शहजादी सराय में घर में छापेमारी की. राम विहार कॉलोनी के मकान में नकली दवाइयां का गोदाम बना हुआ था. वहीं, शहजादी सराय के घर में नकली दवाएं बनाने की फैक्ट्री चल रही थी.
गोदाम में छापेमारी के दौरान नकली तैयार दवाइयों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ. इसमें औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने गोदाम से नामचीन कंपनियों की नकली दवाइयां और सिरप बरामद किए.
रैपर, सिरप और खाली शीशियां बरामद
मौके से टीम ने गोलियों के रैपर, सिरप की खाली शीशियां और नामी कंपनियों के नाम छपे डिब्बे के साथ ही रॉ मटीरियल बरामद किए हैं. वहीं, दूसरी तरफ टीम ने शहजादी सराय स्थित घर से नकली दवाइयां और सिरप बनाने वाली मशीन मिली है.
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक रामबाबू सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि फैक्ट्री मालिक आयुर्वेदिक दवाओं का लाइसेंस लेकर नकली एलोपैथिक दवाइयां बनाने का धंधा कर रहा था.
मामले में मुरादाबाद मंडल के औषधि विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर दीपक शर्मा ने बताया, "लखनऊ मुख्यालय को संभल में अवैध एलोपैथिक दवाइयां बनाने और स्टॉक होने की जानकारी दी गई थी. छापेमारी के दौरान 35 से 40 लाख रुपए की नकली दवाइयां मिली हैं. यह इससे ज्यादा भी हो सकता है. इसका आंकलन अभी जारी है."
दीपक शर्मा ने आगे बताया, "यह कार्रवाई अभी जारी रहेगी और इस मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज की गई है. यहां बड़ी-बड़ी नामचीन कंपनियों के डुप्लीकेट इंजेक्शन और रैपर मिले हैं."