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एक विश्वप्रसिद्ध मंदिर के महंत के नाम से एक दूसरे पंत संप्रदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणियों वाला पत्र जारी करके देश भर के तमाम धार्मिक स्थलों पर भेजने से हड़कंप मच गया है. यह मामला वाराणसी के संकटमोचन मंदिर से जुड़ा है. जहां के महंत के नाम और पते से अक्षरधाम स्वामीनारायण संप्रदाय पर और उनसे जुड़े पूजनीय लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी वाला पत्र देश भर के तमाम धार्मिक स्थलों को भेजा गया था. इसका पता तब चला जब पत्र अस्वीकार करने पर वापस संकटमोचन महंत के पते पर सैकड़ों की तादाद में वापस आने लगे. जिसके बाद सभी के होश उड़ गए. इसकी शिकायत संबंधित थाने में करा दी गई है.
दरसअल, वाराणसी के संकटमोचन मंदिर के महंत और उनके पते का दुरपयोग कर अक्षरधाम स्वामीनारायण संप्रदाय के लिए आपत्तिजनक भाषा और टिप्पणी वाला अंतरदेशीय पत्र देश भर के धार्मिक स्थलों को भेजा गया था. इसका पता तब चला जब कई धार्मिक स्थलों पर पत्र न स्वीकारने पर वह वापस संकटमोचन मंदिर महंत के वाराणसी पते पर आने लगा. पहले को इक्का-दुक्का पत्र आए लेकिन बाद में रोजाना सैकड़ों पत्र मिलने लगे. जिससे परेशान होकर संकटमोचन मंदिर के महंत ने इसकी शिकायत संबंधित लंका थाने में की.
इस बारे में और जानकारी देते हुए संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो विशंभरनाथ मिश्रा ने बताया कि उनके नाम से कुछ अंतरदेशीय पत्र उनके पते पर आने लगे और कुछ लोगों ने टेलीफोन पर भी शिकायत की. जब सिलसिला बढ़ा तो पत्र के कंटेंट को देखकर काफी हैरानी हुई. क्योंकि उसमें अक्षरधाम स्वामीनारायण संप्रदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी हुईं मिलीं.
संकटमोचन मंदिर के महंत के मुताबिक यह किसी तरह का संगठित अपराध लगता है. इसलिए पुलिस को मामले की शिकायत करते हुए सारे पत्र सुपुर्द कर दिए गए हैं. महंत ने कहा कि इस षडयंत्र के पीछे जो लोग हैं उनका पर्दाफाश होना चाहिए.
संकटमोचन मंदिर के महंत ने बताया कि हिंदू धर्म में भी कई मतावलंबी हैं और सबका सौहार्द बना हुआ है. पत्र किस वजह से और किसने जारी किया है, हम उसमें नहीं पड़ना चाहते. उन्होंने बताया कि इस विवादित पत्र को देश भर के धार्मिक स्थलों को किसी ने भेजा है. इसलिए पुलिस को जांच करके ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए.