scorecardresearch
 

फर्जी रेड के बाद भोजपुरी एक्ट्रेस ने की थी आत्महत्या, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी को नहीं दी जमानत

जज सारंग कोतवाल ने कहा कि स्पष्ट है कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी जिसमें मृतक और उसके दोस्तों को डर दिखाकर रुपए ऐंठने की कोशिश की गई थी.

Advertisement
X
फाइल फोटो.
फाइल फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 23 दिसंबर को अभिनेत्री ने की थी आत्महत्या
  • फर्जी अफसरों ने मांगे थे 30 लाख रुपये

भोजपुरी एक्ट्रेस सुसाइड मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ मिले सबूत के बाद स्पष्ट है कि फर्जी छापेमारी के बाद ही अभिनेत्री ने आत्महत्या की थी, इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती. बता दें कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दोनों ने खुद को नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का अधिकारी बताकर छापेमारी की थी.  

Advertisement

दरअसल, भोजपुरी एक्ट्रेस 20 दिसंबर 2021 को अपने दो दोस्तों के साथ मुंबई के एक होटल में पार्टी के लिए गई थी. एक्ट्रेस अपने दोस्तों के साथ कमरे में पार्टी कर रही थी. इसी दौरान कुछ लोग कमरे में पहुंचे और खुद को एनसीबी का अधिकारी बताया. उन्होंने एक्ट्रेस से कहा कि आपको और आपके दोस्तों को नशीले पदार्थों के कारोबार के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा. इसके बाद एक्ट्रेस और उनके दोनों दोस्त डर गए और तीनों ने एनसीबी अधिकारियों को रिश्वत देने का फैसला किया.

फर्जी अधिकारियों ने इस दौरान 30 लाख रुपये की राशि मांगी लेकिन अंत में 20 लाख रुपए में सौदा तय हो गया. इसके बाद एक्ट्रेस ने 8 लाख रुपये का भुगतान कर दिया, जबकि बचे 12 लाख रुपये की व्यवस्था वह नहीं कर पाई थी. आखिरकार उसने फर्जी एनसीबी अधिकारियों की ओर से मिली गिरफ्तारी की धमकी से परेशान होकर 23 दिसंबर को सुसाइड कर लिया था. 

Advertisement

गिरफ्तार आरोपी नौफिल एजाज रोहे के वकील डॉक्टर उदय वरुंजिकर और सना रईस खान ने कोर्ट को बताया कि होटल में कमरा रोहे के नाम पर बुक किया गया था. रोहे को यह कहकर ले जाया गया था कि उन्हें किसी मामले में पंच का काम करना है. उसने कोई पैसा नहीं दिया था और न ही उसने फर्जी अधिकारियों को पैसे का भुगतान करने का वादा किया था. रोहे के वकीलों ने कहा कि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) का मामला नहीं हो सकता है, क्योंकि घटना और आत्महत्या के बीच तीन दिनों का अंतर है.

अदालत ने पुलिस की जांच के कागजात, दर्ज किए गए बयानों और  जांच के कागजातों को देखा जो इस ओर इशारा कर रहे थे कि एक्ट्रेस के दोस्तों में से एक असीर काजी को पता था कि छापेमारी नकली थी और उसने 8 लाख रुपये का भुगतान करने का दावा किया था. 

सरकारी वकील ने दिया ये तर्क

सरकारी वकील पीएच गायकवाड़ ने तर्क दिया कि प्लान के पीछे काजी और रोहे मास्टरमाइंड थे. रोहे ने नकली एनसीबी अधिकारियों को भुगतान करने का दिखावा करने में काजी की सहायता की थी. रोहे ने बताया कि हवाला के जरिए बड़ी रकम ट्रांसफर की गई है. 

Advertisement

सरकारी वकील के तर्क के बाद जज सारंग कोतवाल ने कहा कि स्पष्ट है कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी जिसमें मृतक और उसके दोस्तों को डर दिखाकर रुपए ऐंठने की कोशिश की गई थी. रोहे की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए जज ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर अपराध है. रची गई साजिश गंभीर थी, इसलिए रोहे के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जा सकती है. रोहे के खिलाफ मिले सबूतों को देखते हुए उसे हिरासत में रखकर पूछताछ किया जाना जरूरी है. जज ने कहा कि 20 दिसंबर की घटना और 23 दिसंबर को एक्टर द्वारा की गई आत्महत्या के बीच सीधा संबंध है.

 

Advertisement
Advertisement