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दिल्लीः रेप के झूठे केस में फंसाने वाले SHO और ASI को 4 साल की कैद, 2 लाख का जुर्माना भी

कई साल तक मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कारोबारी को निर्दोष पाया और 3 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कारोबारी को रिहा कर दिया गया. लेकिन अपने फैसले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने तत्कालीन एसएचओ और एएसआई को दोषी पाया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोर्ट का फैसला आने से पहले ही कारोबारी का निधन हो गया था
  • 2009 में जहांगीरपुरी के कारोबारी पर रेप का फर्जी केस दर्ज हुआ

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक बिजनेसमैन को रेप के झूठे मुकदमे में फंसाने पर जहांगीरपुरी पुलिस के तत्कालीन एसएचओ और एएसआई को 4 साल की कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि कोर्ट की ओर से फैसला आने से पहले ही कारोबारी की मौत हो गई थी, लेकिन वकील ने उनके बाद भी केस लड़ा.

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मामला साल 2009 का है. जहांगीरपुरी इलाके के एक कारोबारी पर लड़की ने रेप का मुकदमा लिखवाया गया. इस झूठे मुकदमे से बचाने की एवज में थाने के एसएचओ और आईओ ने कारोबारी से 10 लाख रुपये की मांग की थी. साथ ही, कारोबारी से समय-समय पर घर के राशन से लेकर गाड़ी के टायर तक खरीदवाए गए. लेकिन रिश्वत के पूरे पैसे ना मिलने पर कारोबारी को जेल भेज दिया गया.

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कई साल तक मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कारोबारी को निर्दोष पाया और 3 अगस्त को फैसला सुना दिया. लेकिन अपने फैसले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने तत्कालीन एसएचओ और एएसआई को दोषी पाया. जिसके बाद अदालत ने 2 लाख रुपये जुर्माने के साथ दोनों पुलिस अधिकारियों को 4 साल कारावास की सजा सुना दी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि कारोबारी को जब ये न्याय मिला तब तक काफी देर हो गई थी. 

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कारोबारी अब इस दुनिया मे नहीं हैं. लेकिन कारोबारी की मौत के बाद भी उनके केस को वकील प्रदीप राणा ने कोर्ट में लड़ा और आरोपी पुलिस अधिकारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. इस मामले की जांच पहले क्राइम ब्रांच और फिर विजिलेंस और अंत में एंटी करप्शन यूनिट ने की.

 

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