फरीदाबाद के चर्चित निकिता हत्याकांड मामले में अब निकिता की मां और मामा गवाही नहीं देंगे. इसके साथ ही कुछ और गवाह भी होंगे, जिनकी गवाही कोर्ट में नहीं कराई जाएगी. ऐसा नहीं है कि यह गवाह गवाही देने से मुकर गए हैं बल्कि अभियोजन पक्ष के वकील गवाहों की संख्या ज्यादा होने के चलते इनकी गवाही जरूरी नहीं समझते हैं.
बता दें कि 26 अक्टूबर की शाम 4 बजे निकिता को बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज के सामने उस समय गोली मार दी गई थी, जब अपनी बीकॉम फाइनल की परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकली थी. हालांकि यह पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी. कत्ल का आरोप नूह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के चचेरे भाई तौसिफ पर लगे हैं. तौसिफ ने पुलिस हिरासत में स्वीकार किया कि उसने निकिता की हत्या की योजना वेब सीरीज 'मिर्जापुर' देखने के बाद बनाई थी.
तौसीफ निकिता से शादी करना चाहता था. इस मामले में पुलिस ने 1 महीने से भी कम समय में चार्जशीट फाइल कर इस मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग की थी, जिसके बाद इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जा रहा है.
इस मामले के वकील और निकिता के मामा एदल सिंह ने बताया किस मामले में करीब 60 लोगों को गवाह बनाया गया है, लेकिन सभी गवाहों की गवाही जरूरी नहीं होती, इसलिए इस मामले में करीब 35 से 40 गवाहों की अदालत में गवाही कराई जाएगी. अभी तक इस मामले में 19 लोगों की गवाही हो चुकी है, इससे पहले 7 गवाहों की सूची में निकिता की मां और मामा को भी शामिल किया गया था, लेकिन अब उन्हें गवाहों की सूची से हटा लिया गया है.