पंजाब के फरीदकोट के गुरुद्वारा साहिब में झड़प का मामला सामने आया है. यहां गुरुद्वारा में अध्यक्ष पद को लेकर दो गुटों में तलवारें चल गईं और मारपीट हुई है. घटना की तस्वीरें सामने आई हैं. इसमें दोनों पक्षों के बीच विवाद देखा जा रहा है. हमले में दो लोग घायल हुए हैं. घटना जर्मन कॉलोनी की है.
जानकारी के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच तलवार (कटार) से भी हमला किया गया है. बताया गया कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर प्रेसिडेंट के चुनाव को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी. इसमें गुरुद्वारा साहिब की वर्तमान कमेटी के सदस्यों और पूर्व कमेटी के मेंबर्स भी शामिल होने पहुंचे थे. बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया और हाथापाई शुरू हो गई. आरोप है कि एक-दूसरे पर तलवार से भी हमला किया गया.
गुरुद्वारा में धार्मिक समागम चल रहा था
बताते हैं कि श्रीगुरु ग्रंथ साहिब के आगे रखे धार्मिक शास्त्र को उठाकर हमला किया गया है. आज गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक समागम चल रहा था. कार्यक्रम के अंत में पूर्व प्रधान और नए प्रधान में कोई कहासुनी हुई, जिसके चलते दोनों पक्षों में कृपाण तक चल गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू किया.
9 लोगों पर केस
फिलहाल, इस मामले में 9 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. वहां मौजूद संगत ने हथियार छीनकर बीच-बचाव किया. वहीं, सिख जत्थेबंदियों ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि श्रीगुरुग्रंथ साहिबजी की हजारी में ये घटना शर्मनाक है.
गुरुद्वारा प्रधान ने हेराफेरी का आरोप लगाया
पुलिस ने दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया है. गुरद्वारा के मौजूदा प्रधान जसवंत सिंह ने बताया कि आरोपी पक्ष हंगामा करने की ठानकर ही आया था. श्री गुरुग्रंथ साहिब की हजूरी में चल रहे धार्मिक समागम के दौरान झड़प हुई है. श्रीगुरुग्रंथ साहिब के आगे रखे धार्मिक शास्त्र को उठाकर हम पर हमला किया गया है. पूर्व प्रधान ने गुरुद्वारा साहिब में 50 हजार रुपए की हेराफेरी की थी और इसे निकाल दिया गया था. इसने पहले भी मेरे पर कई बार हमला किया था और आज संगत के बीच मुझे मारने की कोशिश की. बीच बचाव करने वाले लोग भी जख्मी हुए हैं.
घटना को लेकर सिख समाज में नाराजगी
सिख जत्थेबंदी के मनप्रीत सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर इलाके की सिख जत्थेबंदियों में भी रोष है. गुरुद्वारे के अंदर इस तरह की घटना ठीक नहीं है. गुरु साहिब के सामने पडे़ सास्तर को उठाकर हमला किया गया है. इस तरह के लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.