किसानों के आंदोलन के दौरान सामने आए टूलकिट मामले में पर्यावरणविद दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब उनके करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है. इस बीच दिशा रवि की करीबी निकिता जैकब फरार हो गई है. दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से नॉन बेलेबल वारंट जारी करवाया है.
स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की टीम सर्च करने गई थी. टीम मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जांचने गई थी. शाम का वक्त था, इसलिए पूछताछ नहीं हो सकी थी. निकिता से स्पेशल सेल ने दस्तावेज पर दस्तखत करवाया था कि वो जांच में शामिल होंगी, लेकिन उसके बाद निकिता अंडरग्राउंड हो गई.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान संगठन से जुड़े पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया था. इसका मकसद रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना. निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग हुई. इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए, एमओ धालीवाल ने कहा कि मुद्दे को बड़ा बनाना है, मकसद ये था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है, यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया.
26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया, चूंकि दिशा रवि, ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं, इसलिए उसकी मदद ली गयी. चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गयी थी. उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई. निकिता पेशे से वकील हैं.
इस मामले में निकिता जैकब की लीगल टीम का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने 10 फरवरी को उनका बयान दर्ज किया था, दिल्ली पुलिस की ओर से जांच में सहयोग न करने का आरोप गलत है, दिल्ली पुलिस ने पंचनामा भी बनाया था, हम सारे सबूत कोर्ट के सामने पेश करेंगे.
क्या है पूरा मामला
किसान आंदोलन के समर्थन में क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेट थनबर्ग ने जिस टूल किट को सोशल मीडिया पर शेयर किया, उसकी जांच की दिशा तय हो गई है. इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बेंगलुरु से 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार किया, जिसे कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.
दिल्ली पुलिस सूत्रों से जानकारी के मुताबिक, दिशा रवि देश को बदनाम करने और माहौल बिगाड़ने के लिए तैयार किए गए टूल किट केस की मुख्य साजिशकर्ता है. दिशा ने टूल किट को कई बार एडिट किया था. सूत्रों के मुताबिक दिशा ने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट किया था. दिशा के मुताबिक, वो किसान आंदोलन से प्रभावित थी और किसानों के समर्थन में ऐसा किया.
पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल जब्त किया है, लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी. दिशा ने एक वाट्सग्रुप बनाया था जिसमें निकिता जैकब जुड़ी हुई थी. निकिता भी इस केस में दिल्ली पुलिस के राडार पर है. पूछताछ के लिए निकिता से सायबर सेल ने संपर्क भी किया था, उसके बाद से ही निकिता अंडरग्राउंड है.