राजस्थान के जयपुर में हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में हिंदू समाज के तत्वाधान में निकाली जा रही हिंदू रणभेरी भगवा रैली में अचानक से विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया. एकाएक हुई पत्थरबाजी के बाद रैली में अफरा-तफरी मच गई. एक तरफ डीजे पर देशभक्ति गीतों की गूंज सुनाई दे रही तो दूसरी और रैली में मौजूद लोग अपनी जान बचाकर भागते नजर आ रहे थे. मौके पर मौजूद पुलिस ने मोर्चा संभाला और मामला शांत कराया. वहीं, भगवा रैली पर पथराव करने वाले करीब एक दर्जन संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया हैं.
दरअसल, रविवार दोपहर तीन बजे शहर के जमवारामगढ़ के ताला गांव इलाके में यह घटना हुई. हिंदू नव संवत्सर पर हिंदू रणभेरी रैली निकाली जा रही थी. डीजे पर देश-भक्ति के गाने बज रहे थे साथ ही रैली में मौजूद लोग नारे लगा रहे थे. तभी रास्ते में पड़ने वाले मदरसे से गुजरते वक्त कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक से रैली पर पथराव शुरू कर दिया. मौके पर भगदड़ मच गई. रैली में पुलिसकर्मियों को भी सुरक्षा के लिए लगाया गया था.
पत्थरबाजी होता देख तुरंत ही पुलिसकर्मियों ने स्थिति संभालते हुए पत्थर मारने वाले युवकों को खदेड़ा. स्थिति तनावपूर्ण होता देखा और भी फोर्स बुला ली गई. मौके पर ए में रैली में मौजूद लोगों को हल्की चोट भी आई हैं. जानकारी मिलने पर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राजीव पचार और एडिशनल एसपी धर्मेंद्र यादव भी मौक पर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि रैली पर पत्थरबाजी की गई थी. मामला शांत करा लिया गया है. एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में भी लिया हैं.
सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने उठाए सवाल
इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा हैं कि जयपुर के जमवारामगढ़ में आज हिंदू रैली पर हमला हुआ.
उन्होंने आगे लिखा है कि राजस्थान में कांग्रेस शासन में आतंकी संगठन पीएफआई की मानसिकता खूब फली-फूली है. हिंदुओं की शोभायात्राओं, धार्मिक आयोजनों और रैलियों पर समुदाय विशेष के पथराव, हिंसा, खुलेआम गला काटने की धमकी देने वाले अपराधियों और दंगाइयों पर इस सरकार की नरमी भी दिखती रही है.
उन्होंने लिखा, ''आज जयपुर ग्रामीण के जमवारामगढ़ में शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकाल रहे बहुसंख्यक समुदाय के लोगों पर मदरसे से पथराव और हमले की यह घटना कांग्रेस सरकार के तुष्टिकरण राजनीति का नतीजा है. शासन-प्रशासन ऐसे मदरसों और उपद्रवियों पर तत्परता से कठोर कार्रवाई करे. राज्य सरकार भी सुन ले कि बहुसंख्यक समाज के प्रति उसके संवेदनहीन रवैये से जनाक्रोश बढ़ रहा है.''
बीते साल भी हुआ था विवाद
बता दें कि पिछले साल भी हिंदू नववर्ष के उपलक्ष में भगवा रैली पर करौली में पथराव हुआ था.