एक तरफ जहां नोएडा में सेक्टर-93 A स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को ध्वस्त करने की कार्रवाई चल रही है तो वहीं, दूसरी तरफ टावर को एनओसी देने वाले तीन पूर्व चीफ फायर ऑफिसर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोप लगाया गया है कि सोसाइटी के ट्विन टावर को नियमों को दरकिनार कर एनओसी जारी की गई थी. इसी को लेकर फेज-2 थाने में तीन अधिकारियों के खिलाफ FIR कराई गई है.
FIR दर्ज कराने के आदेश अपर मुख्य सचिव गृह ने गौतम बुध नगर पुलिस कमिश्नर को दिए थे. गौरतलब है कि एमरोल्ड कोर्ट सोसाइटी के टावरों की एनओसी जारी करने की अनियमितता को लेकर जांच चल रही थी, जिसके बाद डीआईजी फायर सर्विस आकाश कुलहरी डायरेक्टर जेके सिंह और अनिमेश कुमार सिंह की कमेटी ने यह रिपोर्ट दी. रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
इस मुकदमे के मुताबिक, नोएडा में तैनात रहे सीएफओ राजपाल त्यागी, महावीर सिंह और आईएस सोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए. गौरतलब है कि तीनों अधिकारी रिटायर हो चुके हैं. इन तीनों के खिलाफ धारा 217, 11 उत्तर प्रदेश अग्निशमन निवारण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद लगातार इस केस से जुड़े अनियमितताओं की जांच की जा रही है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण के कई अधिकारियों की जांच भी शामिल है.
28 अगस्त को गिराया जा सकता है ट्विन टावर
बता दें, सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त गिराया जाता है. इसे देखते हुए विस्फोटक लगाने का काम शुरू हो गया है. 13 अगस्त की सुबह पुलिस की देखरेख में हरियाणा के पलवल से विस्फोटकों की पहली खेप नोएडा पहुंची. दो वैन में विस्फोटक को यहां लाया गया. इस दौरान ट्विन टावर के पास दोनों तरफ बैरिकेड्स लगा दिए गए. साथ ही निजी गार्ड और पुलिस की तरफ से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया.
विस्फोटक के पहुंचने के बाद इसे टावर के खंभों में किए गए छेदों में भरने का काम शुरू कर दिया गया. अब यह काम हर दिन किया जा रहा है. टावर को गिराने की जिम्मेदारी एडिफिस इंजीनियरिंग के पास है. 46 कर्मियों की एक टीम विस्फोटकों को कॉलम में ड्रिल किए गए छेदों में फिट करेगी. उनके अनुसार वहां पर 6 दक्षिण अफ्रीका और 10 भारत के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे.