फर्जी कॉल सेंटर के जरिए बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का छत्तीसगढ़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने इस मामले में दक्षिणी दिल्ली से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों से अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड और दर्जनो बैंक खातों की जानकारी हासिल की है. बैंक खातों को फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है. इसके साथ ही लगभग 1 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी भी पुलिस ने बरामद की है.
ये गिरोह देश के अलग-अलग राज्यों के बुर्जुग निवासियों को ठगी का शिकार बनाते थे. यह गिरोह खासतौर पर रिटायर्ड बुजुर्ग नागरिकों को टारगेट करता था. अब पुलिस दूसरे राज्य से भी इस गिरोह से संबंधित लोगों को पकड़ने के लिए संपर्क कर रही है.
इस गिरोह का मुख्य आरोपी रंजन देहरादून में धोखाधड़ी के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है. इस गिरोह के ठगों को पकड़ने के लिए दुर्ग पुलिस की टीम के अधिकारियों ने किरायेदार और ग्राहक बनकर रेकी की और बदमाशों तक पहुंच गई.
पुलिस के मुताबिक ये आरोपी ठगी की रकम का इस्तेमाल फैशन और कपड़ों के व्यापार में कर रहे थे. गिरोह कई राज्यों में ठगी की घटना को अंजाम दे चुका है.
एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि ठगी का शिकार हो चुके एक पीड़ित शख्स प्रभाकर राव दानीकर ने अपनी शिकायत में कहा था कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग नम्बरों से फोन कर बीमा की राशि देने का दावा किया जा रहा था.
बीमा राशि पाने के लिए टैक्स, जीएसटी, प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर उन्हें गुमराह कर ठगों ने बैंक खातों से अलग-अलग दिन 16 लाख 15 हजार रूपये धोखाधड़ी कर निकाल लिए.
इस गिरोह के शातिर लोग बीमा के नाम पर धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी कॉल सेंटर का इस्तेमाल करते थे. बुजुर्गों को CGIS ग्रुप इंश्योरेंस के नाम पर ठगा जाता था.
बुजुर्ग शख्स दानीकर के खाते से धोखाधड़ी कर जो पैसे निकाले गए थे उसे दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कुछ लोगों को ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया था. पुलिस को इसी से सुराग हाथ लगा और टीम आरोपियों को पकड़ने दिल्ली पहुंच गई.
ये भी पढ़ें: