समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति गैंगरेप के मामले में आरोपी हैं. मंत्री पद पर रहते हुए ही गैंगरेप के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ और गिरफ्तारी हुई थी. तब से ही गायत्री प्रसाद जेल में हैं. अब इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई है. 10 नवंबर को अदालत अपना फैसला सुना सकती है.
सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात आरोपी गैंगरेप के मामले में जेल में बंद हैं. इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. गौरतलब है कि 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर गैंगरेप, जान से मारने की धमकी और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज किया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों से 8 नवंबर को लिखित बहस दाखिल करने के लिए कहा है.
बता दें कि इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ ही विकास सिंह, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रूपेश्वर नामजद थे. 3 जून 2017 को इस मामले के विवेचक ने 824 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी. इससे पहले पॉक्सो की विशेष अदालत ने भी जुलाई 2017 में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सभी सात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 D, 354 A, 509, 504, 506 के तहत आरोप तय किए थे. इसके साथ ही गायत्री प्रजापति, विकास सिंह, आशीष और अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5 G/ 6 के तहत भी आरोप तय किए गए थे.
दरअसल, सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य पर चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि वो मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी. मंत्री और उनके साथियों ने उसको नशा दे दिया और फिर उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया. महिला ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की तो गायत्री प्रजापति और उनके लोगों ने उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी.
मंत्री और उनके गुर्गों से जुड़े इस मामले में एफआईआर के लिए भी सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था. नाबालिग के साथ गैंगरेप की एफआईआर लिखे जाने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को लखनऊ पुलिस ने आलमबाग इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.