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गाजियाबाद: 5 से 10 लाख में बेचते थे चोरी किया हुआ बच्चा, 11 आरोपी गिरफ्तार

बच्चों की तस्करी और उन्हें चुराकर उनका सौदा मोटी रकम में करने वाले गैंग ने अबोध बच्चे को पहले तो खरीदने का प्रयास किया था लेकिन जब बात सौदे पर अटक गई तो उस गैंग के दो बदमाशों ने बच्चे को चुरा लिया.

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बच्चा चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश
बच्चा चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पकड़ा गया बच्चा चोरी करने वाला गैंग
  • बच्चों को बेचने का कर रहे थे धंधा
  • लखनऊ से सकुशल बरामद हुआ बच्चा

गाजियाबाद में बच्चा चोरी की घटना काफी ज्यादा होती दिख रही थी और पुलिस को भी लंबे समय से शक था कि कोई गैंग इस अपराध को अंजाम दे रहा था. ऐसे में पुलिस की तरफ से पूरी तैयारी की गई और उन्हें रणनीति के तहत इस गैंग का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने फातिमा नाम की महिला के बच्चे को भी ढ़ूंढ निकाला. उस बच्चे को इसी गैंग ने चोरी कर लिया था. शिकायत दर्ज होने के बाद से ही पुलिस एक्शन मोड में आ गई थी और कई टीमों का गठन कर दिया गया.

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बच्चा चोरी करने वाला गैंग

आखिरकार पुलिस की मेहनत उस समय रंग लाई जब सूचना के आधार पर लोनी थाना पुलिस ने ना केवल बच्चे को लखनऊ से सकुशल बरामद कर लिया बल्कि बच्चों की तस्करी और उनकी खरीद-फरोख्त करने वाले सफेदपोशों के गैंग के 11 महिला-पुरुष सदस्यों को गिरफ्तार करके इस संगीन वारदात का खुलासा कर दिया.

बच्चों की तस्करी और उन्हें चुराकर उनका सौदा मोटी रकम में करने वाले गैंग ने अबोध बच्चे को पहले तो खरीदने का प्रयास किया था, लेकिन जब बात सौदे पर अटक गई तो उस गैंग के दो बदमाशों ने बच्चे को चुरा लिया. इसके बाद बच्चे को लखनऊ क्षेत्र में रहने वाली एक दंपति को साढ़े पांच लाख में बेच दिया. 

वारदात से कैसे उठा पर्दा?

दरअसल, 12 मई को लोनी की रहने वाली फातिमा ने पुलिस को शिकायत की थी कि दोपहर करीब 12 बजे एक पुरुष और एक महिला उसके घर पर किराए का मकान देखने के लिए आए थे. बातों-बातों में ही दोनों ने फातिमा को कुछ नशीला पदार्थ दे दिया और उसका 15 दिन का बच्चा लेकर फरार हो गए.

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एसएसपी अमित पाठक ने बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस की टीमों का गठन किया जिसके बाद दिल्ली से साढ़े 400 किलोमीटर दूर चोरी किए गए बच्चे रमजानी को आलोक अग्निहोत्री नाम के शख्स के कब्जे से बरामद कर लिया गया. लखनऊ से गिरफ्तार आलोक अग्निहोत्री ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया. उसने पुलिस को बताया कि शादी के बाद उसकी कोई औलाद नहीं थी जिसके चलते उसने यह बच्चा 5.50 लाख में अश्मित कौर और उसके पति गुरमीत कौर से खरीदा. अश्मित और गुरमीत दोनों ही दिल्ली के रहने वाले हैं.

गाजियाबाद पुलिस के सामने चुनौती थी कि आखिर बच्चा अश्मित और गुरमीत के पास कैसे पहुंचा तो पुलिस ने सबसे पहले दिल्ली से दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर दोनों ने बताया कि यह बच्चा वाहिद और तरमीम ने चोरी करके रूबिना तथा मोनिका को दिया था. फिर इन दोनों ने बच्चे को सरोज, प्रीति और ज्योति को दिया. इनके द्वारा यह बच्चा प्रभा, श्रीमति इंदु व उसके दोस्त शिवा के द्वारा अश्मित कोर व उसके पति गुरमीत के पास पहुंचा था.

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आरोपी का चौंकाने वाला खुलासा

यह नवजात बच्चा चोरी करके बेचने वाला एक गैंग है जो इलाके में लंबे समय से सक्रिय था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 लाख रुपये बरामद किए हैं. अश्मित कोर द्वारा बताया गया कि उनका मोबाइल नंबर डैली हट नामक वेबसाइट पर पड़ा है. जिसको बच्चे की आवश्यकता होती है वह उसे फोन करके बताता है और फिर बच्चे की व्यवस्था कर दी जाती है.

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पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चेंजर वाहिद, तरमीम, अश्मित कोर व गुरमीत, सरोज, प्रीति, ज्योति, मोनी उर्फ मोनिका और रूबिना  को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. वहीं तीन आरोपी प्रतिभा इंदु और शिवा फरार हैं जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है.

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