गाजियाबाद में मसूरी थाने की आध्यात्मिक नगर चौकी पर तैनात सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया था. जितेंद्र पर बार बाला को लाने वाले युवक के साथ मारपीट करने का आरोप है.
ये भी सामने आया है कि सब इंस्पेक्टर ने बार बालाओं संग जबरदस्ती करने का प्रयास किया था, जिस वजह से विवाद बढ़ा और बात मारपीट तक जा पहुंची. लेकिन अब इस केस के बावजूद भी जितेंद्र को बेल मिल गई है.
पहले गिरफ्तारी फिर तुरंत बेल
बताया गया है कि जितेंद्र गौतम साल 2015 से मसूरी थाने की आध्यात्मिक नगर चौकी पर तैनात था. लेकिन इस पद पर होने के बाजजूद उसने एक युवक संग जमकर मारपीट की. कहा गया है कि जितेंद्र ने पहले एक पार्टी का आयोजन किया था. फ्लैट में रखी गई इस पार्टी में बार बालाओं को भी डांस के लिए बुलाया गया. लेकिन वहां पर उन बार बालाओं संग बदसलूकी हुई, जिसके बाद इरफान ( जिसने बालाओं को भेजा था) ने फ्लैट पर जा इसका विरोध किया. उसी विरोध के दौरान जितेंद्र ने अपना आपा खो दिया और इरफान संग मारपीट करने लगा.
समझिए पूरा मामला
इस घटना के सामने आते ही एसएसपी पवन कुमार ने इस मामले की जांच एएसपी आकाश पटेल को सौंप दी थी जिन्होंने जितेंद्र गौतम को गिरफ्तार कर लिया. मारपीट और हत्या की धमकी से जुड़ी धाराओं में शिकायत दर्ज हुई थी. लेकिन FIR में लिखी बातें और उस पर लगी आईपीसी की धाराएं एक दूसरे के साथ मैच नहीं कर रही थीं, इसी कारण से कोर्ट में पेश होते ही दरोगा जितेंद्र गौतम को जमानत मिल गई.
बता दें कि इस मामले में शनिवार को थाना मसूरी में सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र गौतम और 4-5 अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 506, में मुकदमा दर्ज कराया गया था. लेकिन विवाद इस बात पर रहा कि बदसलूकी वाली कोई भी धारा केस में शामिल नहीं की गई. कहा जा रहा है कि इसी वजह से जितेंद्र गौतम को तुरंत जमानत भी दे दी गई. ऐसे में पुलिस कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है. इस विवाद पर पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.