लोनी में बुजुर्ग के साथ मारपीट और दाढ़ी काटे जाने का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में पुलिस ने सलमान निजामी के अलावा ट्वीटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी, पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मश्कूर उस्मानी को भी नोटिस जारी किया था. कुछ को घर के पते पर नोटिस भेजा गया था, तो कुछ को ई-मेल के जरिए नोटिस भेजा गया था.
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद पुलिस ने इस केस में भारत में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर को भी तीसरा नोटिस भेजा है. इसी मामले में ट्विटर इंडिया के हेड मनीष महोश्वरी और धर्मेंद्र चतुर को कोई राहत नहीं मिली है. गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें सेक्शन 41-ए के तहत नोटिस भेजे हैं. धर्मेंद्र चतुर को नोटिस जारी कर पूछताछ में शामिल होने के लिए के लिए बुलाया गया है.
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गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ऑफ इंडिया धर्मेंद्र चतुर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि लोनी बॉर्डर थाने में एफआईआर दर्ज है. ऐसे में हमारी जानकारी के मुताबिक ट्विटर इंडिया इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ऑफ इंडिया होने की वजह से आप भारत में ट्विटर इंक के प्रतिनिधि हैं, इसलिए आप को भारतीय कानून को मानना होगा और जांच में सहयोग करना होगा.
कौन है सलमान निजामी
सलमान निजामी जम्मू कश्मीर के बनिहाल निवासी एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के बेटे हैं. पढ़ाई के बाद उन्होंने पत्ररकारिता शरू की लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली तो फिर वह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के जुलूसों को कवर करके उन्हें अलग-अलग मीडिया वालों तक पहुंचाने में सक्रिय हुए. खासतौर पर 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान वह गुलाम नबी आजाद के लोकसभा चुनावों के लिए मीडिया कमीटी के मेंबर भी रहे, लेकिन 2014 में रामबन लोकसभा सीट से आजाद चुनाव हार गए. इसके बावजूद सलमान निजामी कांग्रेस की रैलियों में जाते रहे और सोशल मीडिया पर अपने आप को बतौर कांग्रेस नेता पेश करते रहे.
इसी बीच सलमान निजामी पर धोखाधड़ी के कुछ आरोप भी लगे. कांग्रेस नेताओं के पास उनकी शिकायत पहुंची कि वे नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें कोई पद नहीं दिया. निजामी कभी बंगाल में रोहिंगयाओं की सेवा करते नजर आए तो कभी गुजरात के मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस का प्रचार. लेकिन जैसे ही पीएम मोदी ने अपने भाषण में सलमान निजामी के ट्वीट का जिक्र किया तो लोगों को उनके बारे में पता चला और सोशल मीडिया पर लोग उन्हें तलाश करने लगे.
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ये था मामला
गौरतलब है कि 5 जून को एक समुदाय विशेष के बुजुर्ग को बंधक बना कर धार्मिक नारे लगाने, मारपीट कर दाढ़ी काटने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. जिनमें से कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी चुकी है. इसके अलावा पुलिस ने FIR में जुबेर अहमद, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी के साथ ट्विटर INC और ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी नामजद किया था. इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153,153ए, 295ए, 505,120बी और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था.