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रेप की जांच में DM के आदेश पर कब्र से निकाला गया नवजात का शव, होगा DNA टेस्ट

नवजात शिशु का पिता कौन है, इसकी जांच के लिए डीएम के आदेश के बाद कब्र से शव निकाल कर डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है. पिछले साल नवजात की मां ने एक शख्स पर रेप करने का आरोप लगाया था.

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डीएम के आदेश के बाद कब्र से शव निकलवाती पुलिस (फोटो-आजतक)
डीएम के आदेश के बाद कब्र से शव निकलवाती पुलिस (फोटो-आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जांच को SHO के अनुरोध पर DM ने दिया था आदेश
  • सदर तहसीलदार की मौजूदगी में कब्र से शव निकाला
  • अक्टूबर में महिला ने रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की पुलिस डीएनए टेस्ट से बच्चे के पिता का पता लगाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के आदेश के बाद कब्र खुदवाकर नवजात के शव को पुलिस ने कब्जे में लिया जिसे पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया.

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अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में एक महिला ने रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था. विवेचना में मेडिकल जांच से उसके गर्भवती होने का पता चला था फिर 25 मई को उस महिला ने बच्चे को जन्म दिया जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई.

पुलिस को बताए बिना दफनाया

बिना पुलिस या विवेचनाधिकारी को बताए परिजनों ने उसको दफना दिया. एसओ मोतीगंज बीएन सिंह ने जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के आदेश पर सदर तहसीलदार डॉक्टर पुष्कर मिश्रा की मौजूदगी में शव को कब्र से निकलवा कर पीएम और डीएनए के लिए भेजा है जिससे उस बच्चे के पिता के बारे में पता चलेगा कि इसका पिता कौन है और अपराध किसने किया है. तत्पश्चात अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी. घटना मोतीगंज थाना क्षेत्र के गांव की है.

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गोंडा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के गांव की यह तस्वीर उस कब्र की है जिसमें एक नवजात अपने परिजनों द्वारा दफनाया गया था. इस कब्र को जिलाधिकारी के आदेश से सदर तहसीलदार के मौजूदगी में पुलिस ने बरसते पानी में खुदवाया और शव को पोस्टमार्टम तथां डीएनए सैंपल के लिए भेजा.

जांच के लिए SHO ने किया था अनुरोध

अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में एक महिला ने गांव के ही एक शख्स पर रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसे जेल भी भेज दिया गया था. आरोपी खुद को निर्दोष बताता रहा. विवेचना के दौरान मेडिकल टेस्टिंग में महिला गर्भवती पाई गई.

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25 मई को महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उसकी मौत हो गई. परिजनों ने उसको गांव में ही दफना दिया था. इसकी जानकारी परिजनों ने पुलिस को नहीं दी जिससे पुलिस को घटना संदिग्ध लगी.

तब पूरे घटना की वृहद जांच के लिए थानाध्यक्ष (SHO) बीएन सिंह ने डीएम मार्कण्डेय शाही को आवेदन देकर बच्चे के शव का डीएनए टेस्ट करवाने का अनुरोध किया. डीएम के आदेश पर सदर तहसीलदार की मौजूदगी में शव को कब्र से निकलवाया गया जिसे पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया.

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अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज का कहना है कि डीएनए से बच्चे के पिता का पता चलेगा कि यह किसका बच्चा है और अपराध किसने किया था तब अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल एएसपी की यदि माने तो डीएनए जांच से पता चल जाएगा कि रेप का आरोपी निर्दोष है या उसने अपराध किया था. अब लोगों को जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है.

 

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