जनता दल यूनाइटेड के विधायक गोपाल मंडल का पेट हमेशा खराब क्यों रहता है और अगर खराब रहता है तो वो इसका इलाज क्यों नही करवाते? राजधानी तेजस में उनका पेट पहली बार खराब नहीं हुआ है. वह, पहले भी पेट खराब बताकर बड़े बड़े कारनामे कर चुके हैं. इसी साल मई महीने में जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी, सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये लॉकडाउन लगाया था साथ ही कंटेनमेंट जोन बनाये थे. बैरिकेडिंग की गई थी. उस दौरान भी उनकी गाड़ी को बाहर निकालने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ा गया. बाद में जब उनका वीडियो वायरल हुआ तब उन्होंने सफाई दी कि पेट खराब था जल्दीबाजी में बाथरूम जाना था और भूख भी लगी थी. इसलिए बैरिकेडिंग तोड़ा, ताकि जल्दी पहुंच सके.
गोपाल मंडल चार बार से जेडीयू की टिकट पर भागलपुर के गोपालपुर से विधायक हैं. ये अपने कारनामों की वजह से हमेशा विवाद में रहते हैं. वैसे तो ये शुरू से ही विवादित रहे हैं लेकिन 2020 का चुनाव जीतने के बाद इनकी हरकतें काफी बढ़ गई हैं. पुलिस वालों को गाली देना, ज़मीन कब्जा करना, उलूल जलूल बयान देने के साथ साथ ओछी हरकतें करना ज्यादा बढ़ गया है. गोपाल मंडल को इस बार उम्मीद थी कि इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें मंत्री जरूर बनाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो उनकी ओछी हरकतें और बढ़ गईं.
ये ठीक है कि गोपाल मंडल अति पिछड़ी में गंगोता जाति से आते हैं. लेकिन जो विधायक जीत का जश्न मनाने के लिये बार बालाओं का डांस करवाता है और खुद भी डांस करता है उसे मंत्री कैसे बनाया जा सकता है. वहीं गोपाल मंडल का मानना है कि अगर उन्हें मंत्री बना दिया जाएगा तो वो ऐसी हरकत करना छोड़ देंगे. इसे बचकाना सोच ही कहेंगे. मंत्री बनने के लिये पहले आचरण ठीक होना चाहिये न कि मंत्री बनने के बाद. लेकिन गोपाल मंडल की सोच है कि आदमी को अगर पोस्ट मिलता है तो वो गंभीर हो जाता है और सोचविचार कर बोलता है.
गोपाल मंडल ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को लेकर विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री केवल पैसा लेनें भागलपुर आते हैं. एनडीए के कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते. इसको लेकर बीजेपी ने गोपाल मंडल पर तीखा हमला बोला और जेडीयू से विधायक पर कार्रवाई करने की मांग की. बाद में दोनों पार्टियों के नेताओ ने सुलह करवाया. गोपाल मंडल ने तब सफाई देते हुए कहा था कि वो गुस्से में ऐसा बोल गए. बाद में उन्होंने तारकिशोर प्रसाद को आई लव यू भी कहा था.
गोपाल मंडल को गुस्सा भी बहुत आता है. तेजस राजधानी में अर्धनग्न अवस्था में घूमने पर जब सहयात्रियों ने आपत्ति जताई तब भी वो आपे से बाहर हो गए और गाली गलौज करने लगे. हालांकि इस मामले में उन पर नई दिल्ली रेलवे पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
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गोपाल मंडल की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है. उन पर कई केस दर्ज हैं. पुलिस से उनकी खासी नाराजगी रहती है. भागलपुर के गंगा नदी पर बने विक्रमशिला पुल पर एक बार वो जाम में फंस गए थे. इस बात से इतने नाराज हुए कि वे वहां तैनात पुलिस कर्मी को गंगा में धकेलने लगे. बाद में किसी तरह से मामला शांत कराया गया. वे थानेदारों से इतने नाराज रहते हैं कि हमेशा गाली गलौज से ही बात करते हैं. उनका मानना है कि पुलिस ना नेता की है और ना ही जनता की.
एक बार गोपाल मंडल, भागलपुर में नगर निगम की बैठक में सड़क पर कचरा डालने पर विफर गए थे. इस बात को लेकर उन्होंने निगम के सिटी मैनेजर को कहा कि ऐसे लोगों को पीटने की जरूरत है. मैं रहता तो कूट देता. और तो और गोपाल मंडल खुद को बाहुबली भी मानते हैं. नवगछिया के एक स्कूल की मीटिंग में जब उनके कार्यकर्ताओं ने कहा कि विधायक जो चाहेंगे वही होगा, तब गोपाल मंडल ने कहा कि हां मैं बाहुबली विधायक हूं.
विधायक पर ज़मीन कब्जाने के भी आरोप हैं. कहा जाता है कि भागलपुर में तो कई बार ज़मीन कब्जा को लेकर उनका वीडियो वायरल हुआ है. बगल के बांका ज़िले में भी वो जमीन कब्जा करने चार गाड़ियों में अपने गुर्गों के साथ गए थे. तब ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया. लेकिन जब छूटे तो वही तेवर. कहा कि मैं कमजोर आदमी नही हूं. मैं रिवॉल्वर रखता हूं ठोक दूंगा. ऐसे बहुत से किस्से गोपाल मंडल के हैं.
गोपाल मंडल का ये भी मानना है कि अगर जातीय जनगणना हो जाएगा तो उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता. क्योंकि उनकी जाति की संख्या का पता चल जाएगा कि वो कितनी ज्यादा संख्या में हैं.