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मासिक धर्म के दौरान 500₹ फाइन और छात्राओं पर एक रात गुजारने का दबाव...टीचर्स की हैवानियत सुन कलेजा कांप उठेगा

Crime News: एक स्कूल में 7वीं और 8वीं कक्षा में अध्यनरत बच्चियों के साथ प्रधान अध्यापक समेत 2 शिक्षकों ने अश्लीलता की हद पार कर दी थी. पिछले कई महीनों से छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार और उनका शोषण किया जा रहा था. NGO की ओर से की गई काउंसलिंग इस बात का खुलासा हुआ.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में गुरु और शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाला मामला सामने आया है. एक स्कूल के तीन शिक्षक 8 नाबालिक छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करते थे. मामले का खुलासा होने के बाद तीनों शिक्षक फरार हो गए हैं. अब पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है. इस वजह से संबंधित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. 

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जिले के एक स्कूल में 7वीं और 8वीं कक्षा में अध्यनरत बच्चियों के साथ हेड मास्टर समेत 3 शिक्षकों ने अश्लीलता की हद पार कर दी थी. पिछले कई महीनों से छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार और उनका शोषण किया जा रहा था.

आरोप है कि हेडमास्टर और दो मास्टर  परीक्षा में फेल करने की बातें कहकर बालिकाओं के साथ अश्लील हरकत करते थे. यही नहीं, पीरियड्स यानी मासिक धर्म में 500 रुपए का फाइन लगाने के साथ एक रात गुजारने का दबाव बनाते थे. वहीं, अश्लील शायरी सुनाकर मोबाइल में आपत्ति जनक वीडियो भी दिखाते थे.  

आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं होने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने घटना की जांच के लिए 3 सिटिंग एमएलए के साथ 8 सदस्य टीम का गठन कर मामले को हाई प्रोफाइल बना दिया है.

महिला विधायकों की टीम संबंधित गांव का दौरा कर पीड़ित बच्चियों और परिजनों से मुलाकात कर अपना जांच प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगी. इस मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी और गोंडवाना समन्वय समिति के द्वारा कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंप कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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यह भी पढ़ें: Ground Report: एक प्रिंसिपल, 142 छात्राओं से छेड़छाड़...और ‘भाईचारा’ बचाने के लिए चुप्पी ओढ़े गांव!

हाई प्रोफाइल मामले को लेकर कलेक्टर विपिन मांझी ने एसडीएम की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया है. जांच टीम के प्रतिवेदन के बाद अब पुलिस मामले की अग्रिम कार्रवाई करने की बात कह रही है.

बाल कल्याण समिति के प्रतिवेदन को दरकिनार कर एसडीएम की अगुवाई में जांच टीम के प्रतिवेदन पर कार्रवाई करने की बात सामने आने से जांच टीम पर सवाल उठ रहे हैं. आदिवासी समुदाय के लोग और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं.

कांग्रेस जांच समिति की अध्यक्ष संगीता सिन्हा ने आरोप लगाया कि कलेक्टर द्वारा गठित जांच समिति सम्बंधित गांव तक नहीं गई है. बच्चियां और परिजन दहशत के माहौल में हैं. बच्चियां डरी सहमी हैं. पीड़ित बच्चियों और परिजनों से मिलने के बाद हमने कड़ी कार्रवाई करने के लिए एसपी के समक्ष मामले को संज्ञान में लाया है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बनाई जांच टीम.

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में अमाननीय घटना हुई हैं. हेड मास्टर से लेकर मास्टर तक बच्चों को शोषण कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में बहुत ही दुखदाई घटना हुई है. इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जांच कर प्रतिवेदन कलेक्टर और एसपी को दे दिया गया है. 

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घटनाक्रम पर एक नजर:-

  • 26 फरवरी को एक NGO छात्राओं की काउंसलिंग के लिए स्कूल गई थी. वहां पर आठवीं की एक बच्ची ने अपनी आपबीती बताई. 
  • 27 फरवरी को NGO ने महिला एवं बाल विकास विभाग के संज्ञान में मामले को लाया
  • 28 फरवरी को बाल कल्याण समिति की टीम स्कूल जाकर बच्चियों से कथन लेकर आई
  • 1 मार्च को CWC ने DM,SP,DEO और TI को प्रतिवेदन देकर FIR दर्ज करने को कहा
  • 2 मार्च को एडका थाना में बाल कल्याण समिति की टीम थाने गई. वहां खानापूर्ति कर लौटा दिया गया
  • 4 मार्च को बाल कल्याण समिति की टीम को दोपहर से रात 11 बजे तक थाना में बिठाने के बाद बैरंग लौटा दिया गया
  • 4 मार्च को जिला कॉग्रेस कमेटी ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर कार्रवाई करने की मांग किया
  • 4 मार्च को गोंडवाना समाज समन्वय समिति के द्वारा SP और DM को ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई
  • 5 मार्च को एडका थाना से पत्र भेजकर जाँच उपरांत कार्रवाई करने की बात कही गई 
  • 6 मार्च को PCC ने जांच के लिए समिति का गठन किया
  • 9 मार्च को आठ सदस्य टीम नारायणपुर प्रवास पर है. 

(इनपुट:- मोहम्मद इमरान खान)

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