गुजरात के कच्छ में अवैध खनन की शिकायत करने पर एक आरटीआई कार्यकर्ता और दलित नेता को गाड़ी से रौंद दिया गया, जिसमें उनके बेट की मौत हो गई. आरटीआई एक्टिविस्ट घटना में बुरी तरह से घायल हो गए हैं, उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
यह मामला कच्छ जिले की लखपत तहसील का है. पीड़ित परिवार के मुताबिक मेघपर गांव में रहने वाले रमेश भाई बलिया आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ-साथ दलित एक्टिविस्ट हैं. उन्होंने नजदीकी जुंनाचाय गांव में चल रहे अवैध खनन के मामले में आरोपी नवलसिंह जडेजा के खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
परिवार के मुताबिक घटना वाले दिन रमेश बलिया अपने बेटे नरेंद्र के साथ गांव से कुछ दूरी पर सामान लेकर मोटरसाइकिल से घर वापस लौट रहे थे. इस दौरान ही नवल सिंह
ने अपनी गाड़ी से दोनों को कुचल दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद वह मौके से गाड़ी समेत फरार हो गया.
घटना के बाद आरटीआई कार्यकर्ता रमेश भाई के बेटे नरेंद्र की मौत हो गई. जख्मी रमेश बलिया को आसपास के गांव वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल रमेश बलिया का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
पुलिस ने रमेश बलिया के परिजनों की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर नवलसिंह जडेजा को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले भी कई जागरूक ग्रामीण कच्छ में अवैध खनन की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक खनन माफिया के खिलाफ कोई ठोस कदम प्रशासन ने नहीं उठाया है.
बता दें कि कुछ समय पहले हरियाणा के तावडू (नूंह) में डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की खनन माफिया ने डंपर से कुचलकर हत्या कर दी थी. डीएसपी तावडू हिल इलाके में छापेमारी करने गए थे. उन्होंने अवैध तरीके से पत्थर लेकर आ रहे डंपर को हाथ देकर रोकने का इशारा किया, लेकिन डंपर की स्पीड तेज करते हुए ड्राइवर उन्हें कुचल दिया था.
घटना में डीएसपी का निजी स्टाफ और 4 पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बचे थे. स्थानीय थाने के SHO ने बताया कि डीएसपी सिर्फ स्टाफ के साथ गए थे. उनके साथ पुलिस फोर्स नहीं थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि डीएसपी अपने आधिकारिक वाहन के पास खड़े थे, उन्होंने लगभग 12:10 बजे अवैध खनन करने वाले एक वाहन को रुकने के लिए कहा तो डंपर चालक ने उन्हें रौंद दिया.