गुरुग्राम पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. साल 2018 से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है. फरारी में भी यह बदमाश कई ठगी की वारदातों को अंजाम देता रहा है. बताया जा रहा है कि शिवराज पुरी 2010 में हुए 425 करोड़ के सिटी बैंक घोटाले का मास्टरमाइंड है. गुरुग्राम पुलिस ने इस शातिर अपराधी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था.
एसीपी क्राइम ब्रांच प्रीतपाल सिंह का कहना है कि शिवराज पुरी साल 2018 में जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था. तमाम कोशिशों के बावजूद इसकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो पा रही थी. इसकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन किया और इसे शुक्रवार देर शाम उत्तराखंड के देहरादून से गिरफ्तार कर लिया गया.
2 साल से फरार चल रहा था बदमाश
पुलिस का कहना है कि गुरुग्राम की निचली अदालत ने दो साल 6 महीने की सजा सुनाई थी फिर 2018 में इसे जमानत भी दे दी गई थी. तभी से यह शातिर नाम बदलकर न सिर्फ ठिकाने बदल रहा था बल्कि लोगों को गोल्फ की कोचिंग भी दे रहा था. इसके अलावा फरारी के इन दो सालों में शिवराज पुरी ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को ठगा और लाखों रुपये उनसे वसूल कर फरार हो गया.
शिवराज पुरी सिटी बैंक में नौकरी करता था और यही से देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले को अंजाम दिया. पुलिस की माने तो 2010 में डीएलएफ फेज 2 थाने में सिटी बैंक घोटाले की एफआईआर दर्ज कर इस बड़े घोटाले को अंजाम देने वालों में शिवराज पुरी और इसमें शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया था.