गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसी महिला को गिरफ्तार किया है जो डेटिंग ऐप के जरिए युवाओं को अपने जाल में फंसाती थी और फिर ठगी करती थी. गौर करने वाली बात ये है कि आरोपी 32 वर्षीय महिला सुरभि गुप्ता ब्रिटेन के एक संस्थान से एमबीए कर चुकी है.
पुलिस ने आरोपी महिला के साथ-साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है. दिल्ली के चावड़ी बाजार निवासी सुरभि गुप्ता उर्फ पायल उर्फ साक्षी को 12 अक्टूबर को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. सात दिन की पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद उसे गुरुवार को एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
डेटिंग ऐप के जरिए लोगों को बनाती थी शिकार
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान महिला ने खुलासा किया कि उसने पिछले लगभग दो महीनों में 10 से अधिक लोगों से 30 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है. पुलिस के मुताबिक, एक व्यक्ति ने 10 अक्टूबर को सेक्टर 29 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि डेटिंग ऐप बम्बल के जरिए उससे दोस्ती करने वाली महिला ने उसे लूट लिया है. शख्स ने पुलिस को बताया कि '1 अक्टूबर को महिला ने मुझे फोन किया और मिलने की इच्छा जताई.'
शख्स से की लाखों की ठगी
इसके बाद पीड़ित शख्स सुरभि से गुरुग्राम के सेक्टर 47 में एक बार के पास मिला. उसने बताया, 'फिर हमने पास की दुकान से कुछ शराब खरीदी और मेरे घर पर आ गए. घर पर, उसने मुझे बर्फ लेने के बहाने रसोई में भेजा और उसी समय उसने मेरी ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया और मैं बेहोश हो गया. नशीले पदार्थ का असर इतना गंभीर था कि मैं 3 अक्टूबर को सुबह उठा और मैंने देखा कि महिला मेरी सोने की चेन, आईफोन 14 प्रो, 10,000 रुपये नकद, क्रेडिट और डेबिट कार्ड लेकर फरार हो चुकी थी. जब मैंने जांच की तो पता चला कि मेरे डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से 1.78 रुपये निकाले गए हैं.'
सुरभि के पास से बड़ी बरामदगी
पीड़ित शख्स की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया. पुलिस बताया कि इसके बाद सुरभि गुप्ता को पिछले गुरुवार को दिल्ली स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया और शहर की अदालत में पेश करने के बाद सात दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया था. रिमांड के दौरान पुलिस ने उसके कब्जे से एक सोने की चेन, 15 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 1,60,770 रुपये नकद, दो लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन और एक घड़ी बरामद की.
MNCs में काम कर चुकी है आरोपी
पूछताछ के दौरान महिला ने अपने दो साथियों के नाम बताए जिन्हें उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था. उनकी पहचान विशाल और सुशील के रूप में की गई और अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक, महिला ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ब्रिटेन से एमबीए किया है. लोगों को ठगने के लिए गिरोह बनाने से पहले वह कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम कर चुकी थी.
महिला ने खुलासा किया कि वह गिरोह की मास्टरमाइंड है और उसके दो सहयोगी - विशाल और सुशील उसकी सहायता करते थे. आरोपी महिला ने बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर, खासकर गुरुग्राम के लोगों को लालच देकर अपराध करती थी. सहायक पुलिस आयुक्त डॉ. कविता ने बताया कि, 'पूछताछ के बाद पता चला कि उसने पिछले दो महीनों में करीब 30 लाख रुपये लूटे हैं...आगे की जांच जारी है.'