scorecardresearch
 

हल्द्वानी हिंसा: सोशल मीडिया पर पुलिस की कड़ी नजर, फेक न्यूज फैलाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों का संज्ञान लेते हुए नैनीताल पुलिस ने चेतावनी जारी की है. पुलिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए अपील जारी की है कि भ्रामक खबरें पोस्ट, शेयर, लाइक और कमेंट करने से बचें. ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी.

Advertisement
X
सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों का संज्ञान लेते हुए नैनीताल पुलिस ने चेतावनी जारी की है.
सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों का संज्ञान लेते हुए नैनीताल पुलिस ने चेतावनी जारी की है.

उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से फेक न्यूज और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं. ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए नैनीताल पुलिस ने एक चेतावनी जारी की है. इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है. भ्रामक खबरें पोस्ट, शेयर, लाइक और कमेंट्स करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी. पुलिस ने ऐसे पोस्ट नहीं करने की अपील की है.

Advertisement

नैनीताल पुलिस ने इस संबंध में फेसबुक और एक्स (ट्विटर) एक पोस्ट किया है, जिसमें लिखा गया है, ''सोशल मीडिया पर एक वीडियो जिसे हल्द्वानी बनभूलपुरा का बताकर वायरल किया जा रहा है. यह वीडियो बनभूलपुरा हल्द्वानी उत्तराखंड राज्य के किसी भी जगह का नहीं है. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम द्वारा सभी प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी की जा रही है. ऐसी किसी भी भ्रामक खबरें पोस्ट, शेयर, लाइक और कमेंट करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.''

crime

वहीं, हल्दवानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, जबकि पांच अन्य दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है. इस तरह इस मामले में पकड़े गए दंगाइयों की कुल संख्या 42 हो गई है. अब्दुल मलिक इस हिंसा का मास्टरमाइंड है. उसने ही मदरसे का अवैध रूप से निर्माण कराया था. इसके ध्वस्त किए जाने का पुरजोर विरोध किया था. हिंसा भड़काने के बाद ही वो फरार चल रहा है.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक, अब्दुल मलिक सहित 9 वॉन्टेड दंगाइयों के पोस्टर शहर भर में चिपकाए गए हैं. लोगों से उनके बारे में कोई भी जानकारी होने पर पुलिस के साथ साझा करने के लिए कहा गया है. इन दंगाइयों के नाम अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद, तस्लीम, वसीम, अयाज़, रईस, शकील अंसारी, मौकीन और जिया उल रहमान है.. पुलिस टीमें लगातार सभी संभावित स्थानों पर उनकी तलाश कर रही हैं. बनभूलपुरा में अभी कर्फ्यू जारी है, जिसमें कुछ घंटों की ढील दी जारी रही है.

crime

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तराखंड पुलिस पर लगाया बर्बरता का आरोप

उधर, प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तराखंड पुलिस पर हलद्वानी में "बर्बरता" का आरोप लगाया है. उनकी तरफ से मांग की गई है कि राज्य सरकार मारे गए लोगों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और नौकरियां दे. जमीयत कार्य समिति की एक बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस समय देश में हालात बहुत खतरनाक हैं. उन्होंने कहा, "नया संघर्ष पैदा करके मुसलमानों को भड़काने और हाशिए पर धकेलने की भी कोशिश की जा रही है.''

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ''हमने पूरे देश के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. लेकिन प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी अदालतों और विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से निराश हैं. चाहे वह बाबरी मस्जिद हो या जामा मस्जिद ज्ञानवापी, या अनुच्छेद 370. हल्द्वानी में पुलिस ने क्रूरता की है. उत्तराखंड सरकार को पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और नौकरियां देनी चाहिए.''

Advertisement

अब्दुल मलिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट, संपत्ति कुर्क करने की तैयारी 

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ बुधवार को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. उसने बनभूलपुरा में अब ढहाए गए मदरसे और प्रार्थना स्थल का निर्माण किया था. उनके विध्वंस का जोरदार विरोध किया था. अधिकारियों ने कहा कि वारंट पुलिस को उसके घर की तलाशी लेने और उसे पकड़ने के लिए आवश्यक अन्य कदम उठाने की अनुमति देगा. इसके साथ ही पुलिस उसकी संपत्ति की कुर्की के लिए अदालत में याचिका भी दायर कर सकती है.

इस बीच, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलिक की पत्नी साफिया द्वारा विध्वंस पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की है. मशहूर वकील सलमान खुर्शीद ने बनभूलपुरा निवासी की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय में दलील देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को क्षेत्र में विध्वंस से पहले अदालत में जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्रवाही नहीं की गई.

यह भी पढ़ें: हल्द्वानी हिंसा: विवादित जगह पर बना पुलिस स्टेशन, खुर्शीद ने कहा- अल्लाह का घर तोड़ने पर तो होगा रिएक्शन!

crime

आईएएस दीपक रावत ने शुरू की मजिस्ट्रेट जांच, 15 दिन में देनी है रिपोर्ट

Advertisement

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने 8 फरवरी को हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी है. उन्हें 10 फरवरी को काम सौंपा गया और 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया था. कुमाऊं आयुक्त ने आम जनता को सूचित किया है कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त घटना से संबंधित कोई भी तथ्य, साक्ष्य/बयान रिकार्ड कराना चाहता है तो वो एक सप्ताह के अंदर कैंप कार्यालय आ सकता है. प्रशासन उन सभी का साक्ष्य सहित बयान दर्ज करेगी, जो कि इस जांच में सहायक होगा.

नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने कहा था कि बनभूलपुरा में 120 हथियार लाइसेंस रद्द कर दिए गए. पुलिस उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जो 8 फरवरी को हुए दंगों में शामिल थे और पुलिसकर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों पर हमला किया था. एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी. इस हिंसा में पांच दंगाइयों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा, "हल्द्वानी में शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं."

Live TV

Advertisement
Advertisement