मध्य प्रदेश के भिंड शहर में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब लोगों ने संघ का ध्वज लगाने वाली जगह पर एक हैंड ग्रेनेड देखा. उसमें पिन भी लगा हुआ था. उसे देखते ही अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में पुलिस को सूचित किया गया. मौके पर पहुंची पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने जब हैंड ग्रेनेड की जांच की तो वो निष्क्रिय मिला. बताया जा रहा है कि बम करीब 30 से 35 साल पुराना है.
इसकी सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव भी पहुंच गए. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हैंड ग्रेनेड संभवतः पास के इलाके से संघ कार्यालय परिसर में पहुंचा हो, जहां पहले पुलिस फायरिंग रेंज स्थित था. उन्होंने बताया कि खोजी कुत्तों के साथ एक बम निरोधक दस्ता मौके पर भेजा गया और पाया गया कि हैंड ग्रेनेड निष्क्रिय है. इस बात का पता चलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
पुलिस ने बताया कि गेंद के आकार की यह वस्तु शुक्रवार को शहर के बजरिया इलाके में आरएसएस कार्यालय के मैदान में खेल रहे कुछ बच्चों को मिली. पुलिस को इसकी सूचना शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे मिली. इसके बाद बम निरोधक दस्ता वहां भेजा गया. संघ के पदाधिकारी एक बैठक के लिए दूसरे शहर में थे. कार्यालय खाली पड़ा था. एसपी ने बताया कि संघ कार्यालय परिसर पहले मिट्टी से भरा गया था. हैंड ग्रेनेड उसके साथ पहुंच गया होगा.
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बताते चलें कि दो साल पहले नागपुर में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके धमकी दी थी कि मुख्यालय को बम से उड़ा देगा. इसके बाद बम निरोधक दस्ते को भेजा गया था. वहां परिसर की जांच कराई गई. लेकिन कोई बम बरामद नहीं हुआ. इसके बाद डीसीपी ने एहतियात के तौर पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी. वैसे संघ मुख्यालय में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था रहती है.
संघ मुख्यालय पर सीआरपीएफ सुरक्षा में तैनात रहती है. नागपुर पुलिस का बाहरी सर्किल पर सुरक्षा घेरा होता है. यहां पर वीडियोग्राफी या फिर किसी भी तरह के ड्रोन उड़ाने पर पहले से पाबंदी रहती है. इसके साथ ही सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. सीआईएसएफ के 125 कमांडो उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. इन कमांडो को विशेष रुप से प्रशिक्षित किय गया. इन कमांडो को निहत्थे भी लड़ने में महारत हासिल है.