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बेटे की हुई मौत तो बदला बहू का चाल-चलन, प्राइवेट डिटेक्टिव ने खोला हत्या का राज

यमुनानगर के करोड़पति बिजनेसमैन योगेश बत्रा के हत्याकांड में यमुनानगर जिला अदालत ने उसकी धर्मपत्नी प्रियंका बत्रा, आशिक रोहित और दो कॉन्ट्रैक्ट किलर सतीश और श्याम सुंदर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. करीब 4 साल तक चले इस केस में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी आए.

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प्रियंका बत्रा को कोर्ट ले जाते पुलिसकर्मी
प्रियंका बत्रा को कोर्ट ले जाते पुलिसकर्मी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरोपी पत्नी, उसके प्रेमी और दो शूटर को उम्रकैद
  • प्राइवेट डिटेक्टिव से करवाई थी पूरे मामले की छानबीन

हरियाणा के यमुनानगर की जिला अदालत ने हत्या और साजिश रचने के एक हाईप्रोफाइल मामले में अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने प्रियंका बत्रा नामक एक महिला को अपने जिम ट्रेनर आशिक और अन्य दो कॉन्ट्रैक्ट किल्लरों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर उसे सामान्य मौत दिखाने का प्रयास करने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई है.

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यमुनानगर के करोड़पति बिजनेसमैन योगेश बत्रा के हत्याकांड में यमुनानगर जिला अदालत ने उसकी धर्मपत्नी प्रियंका बत्रा, आशिक रोहित और दो कॉन्ट्रैक्ट किलर सतीश और श्याम सुंदर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. करीब 4 साल तक चले इस केस में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी आए.

आखिरकार 25 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद और पारिस्थितिकी सबूतों के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय ने चारों हत्या आरोपियों को दोषी करार देकर उम्र कैद की सजा सुना डाली. कोर्ट द्वारा प्रियंका सहित अन्य दोषियों पर 60 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है.

मृतक के पिता ने प्राइवेट डिटेक्टिव से करवाई थी पूरे मामले की छानबीन

यमुनानगर के प्लाई व्यापारी सुभाष बत्रा को अपनी बहू पर उस वक्त शक हुआ जब 27 मई 2016 की रात को योगेश की मौत की खबर मिलने के बाद अगले दिन सुबह वह खटीमा से यमुनानगर पहुंचे, और उन्हें प्रियंका ने बताया कि योगेश की साइलेंट अटैक से मौत हुई है. 

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पहले तो उन्होंने यकीन कर लिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद जब उन्हें प्रियंका के चाल-चलन पर शक हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर एक प्राइवेट डिटेक्टिव से पूरे मामले की खोजबीन करवाई. तब उन्हें पता चला कि प्रियंका का उसके जिम ट्रेनर रोहित कुमार के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा है. 

बिजनेस मैन सुभाष बत्रा का दावा है कि उनके हाथ कुछ ऐसे प्रूफ औऱ फोटोग्राफ भी लगे जिसके बाद इनका शक यकीन में बदल गया. सुभाष बत्रा ने पूरे मामले की जानकारी यमुनानगर पुलिस को दी. यमुनानगर पुलिस ने जांच कर आरोपियों को क्लीन चिट भी थमा दी. इसके बाद सुभाष बत्रा हरियाणा के डीजीपी से मिले.

इस मामले की जांच करनाल एसआईटी को सौंप दी गई. करनाल एसआईटी ने इस केस पर मेहनत की और पारिस्थितिकी सबूतों जैसे मोबाइल लोकेशन जैसे टेक्निकल तथ्यों को आधार मानकर चारों हत्या आरोपियों को 302, 506, 201,120 बी, 203 सहित विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर लिया था.

(रिपोर्ट- आशीष शर्मा)

 

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