हाथरस की पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई अब सड़क से सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. आरोपियों की ओर से निर्भया कांड के आरोपियों का केस लड़ने वाले वकील एपी सिंह पैरवी करेंगे. एपी सिंह ने आजतक से बात करते हुए पीड़िता के परिवार पर सनसनीखेज आरोप लगाए. एपी सिंह का आरोप है कि हाथरस की पीड़िता को उसके ही भाई ने मारा है.
एपी सिंह ने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है और 1 हफ्ते के बाद इस मामले में पीड़िता के परिवार से नेताओं के मिलने के बाद इस घटना में रेप की एफआईआर दर्ज करवाई गई. एपी सिंह पर पहले ही निर्भया के मामले में केस को लटकाने के और निर्भया को इंसाफ मिलने में रोड़ा अटकाने के आरोप हैं, ऐसी सूरत में उन्होंने हाथरस के मामले में आरोपियों का वकील बनना क्यों स्वीकार किया? इस सवाल पर एपी सिंह ने कहा कि परिवार से बात हुई है. मेडिकल रिपोर्ट्स में रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
अभियुक्तों के वकील एपी सिंह ने कहा कि पीड़िता और उसकी मां के शुरुआती बयानों में भी बलात्कार की बात कहीं नहीं कही गई. इसीलिए आरोपियों को इंसाफ दिलाने के लिए उन्होंने यह केस लड़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता के शव के साथ हाथरस प्रशासन ने जो कुछ भी किया, वह मानवाधिकारों का उल्लंघन है. परिवार को अंतिम संस्कार करने के लिए शव ही नहीं दिया गया, जिसके लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है. लेकिन रेप के आरोप में कई झोल हैं.
एपी सिंह ने कहा कि कई क्षत्रिय संगठनों ने उनसे संपर्क किया और कहा कि हाथरस कांड में जबरन रेप के आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है. इसीलिए संगठनों और अभियुक्तों के परिजनों के आग्रह पर उन्होंने यह केस लड़ने का फैसला किया. उन्होंने यह भी कहा है कि हाथरस को राजनीतिक दलों ने पिकनिक स्पॉट बना दिया है. सभी राजनीतिक दल इस पर राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए हैं. इस मामले में इसलिए पीड़ित पक्ष के साथ ही आरोपियों को भी न्याय दिलवाने के लिए निष्पक्ष सुनवाई की जरूरत है.