पंजाब आर्म्ड पुलिस (पीएपी) की जीओ मेस के सामने से हेरिटेज तोप चोरी हो गई है. ये तोप आजादी से पहले की बताई जा रही है. इसे शो-पीस के रूप में करीब एक दशक से चंडीगढ़ सेक्टर एक स्थित पीएपी की 82 बटालियन के जीओ मेस के गेट के पास रखा गया था. चंडीगढ़ सेक्टर-तीन थाने की पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक चोरी गई हेरिटेड तोप पीतल से बनी थी. तीन फीट लंबी इस तोप का वजन तीन कुंतल बताया जा रहा है. कड़ी सुरक्षा वाले इलाके में जहां से करीब ही पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के आवास, सचिवालय हैं, इस चोरी ने पुलिस के भी कान खड़े कर दिए हैं. जहां से हेरिटेज चोरी हुई है, वहां आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था. पीएपी के कमांडेंट बलविंदर सिंह की तहरीर पर चंडीगढ़ सेक्टर तीन थाने की पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
बताया जाता है कि पीएपी के अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से हेरिटेज तोप का पता लगाने की कोशिश की. जब इसका पता लगाने की सारी कोशिशें विफल हो गईं तब घटना के कई दिन बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. कमांडेंट बलविंदर सिंह की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक घटना 5 और 6 मई की रात की है और इसकी प्राथमिकी 17 मई को दर्ज कराई गई.
तहरीर के मुताबिक उपनिरीक्षक और मेस प्रभारी देविंदर कुमार ने हेरिटेज तोप मौके पर मौजूद नहीं होने की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी. पुलिस ने इसे लेकर कहा है कि परिसर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे इसलिए चोरों का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. पुलिस का कहना है कि तीन कुंतल की तोप ऐसे उठाकर ले जाना संभव नहीं है. वह जरूरी किसी वाहन से ले जाई गई होगी. चोरी की इस घटना में परिसर में तैनात कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध लग रही है. इस तोप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत अधिक होने का अनुमान है.
ऑफिसर्स मेस से भारी-भरकम हेरिटेज तोप का चोरी हो जाना परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगा रहा है. परिसर में दो चौकियां हैं जहां संतरी की ड्यूटी लगती है. एक चौकी मेस की बिल्डिंग के ठीक सामने है जबकि दूसरी परिसर के मुख्य द्वार पर. ऐसे में चोरों का संतरी ड्यूटी पर तैनात रहे कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंककर तीन कुंतल की हेरिटेज तोप चुरा ले जाना आसान नहीं. इसीलिस मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है.
ट्रैफिक के सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस
चंडीगढ़ पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब आर्म्ड पुलिस के 82 बटालियन के अधिकारी भी परिसर में रुके थे. उन अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. चंडीगढ़ पुलिस अब चोरों का सुराग लगाने के लिए शहर के मुख्य चौराहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. घटना को लेकर पीएपी के अधिकारी, पंजाब पुलिस के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. मेस से चोरी की घटना के बाद अब पंजाब पुलिस एक्टिव मोड में आ गई है. 19 मई को मेस परिसर में सीसीटीवी लगाने का काम शुरू किया गया.