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IIT-BHU गैंगरेप: डॉक्टर ने कोर्ट में कहा- पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर मिले खरोंच के निशान!

आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप केस की सुनवाई कर रही अदालत को एक सरकारी डॉक्टर ने बताया कि पीड़ित छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर खरोंच के निशान मिले हैं. सहायक जिला सरकारी वकील मनोज गुप्ता ने बताया कि पीड़िता की जांच करने वाली डॉ. अनामिका सिंह ने बयान दर्ज कराया है.

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आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप केस में कोर्ट मेें हुई सुनवाई.
आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप केस में कोर्ट मेें हुई सुनवाई.

आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप केस की सुनवाई कर रही अदालत को एक सरकारी डॉक्टर ने बताया कि पीड़ित छात्रा के प्राइवेट पार्ट पर खरोंच के निशान मिले हैं. सहायक जिला सरकारी वकील मनोज गुप्ता ने बताया कि पीड़िता की जांच करने वाली डॉ. अनामिका सिंह ने न्यायाधीश कुलदीप सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि बलात्कार संबंधी हिंसा से इनकार नहीं किया जा सकता.

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सरकारी वकील ने बताया कि आरोपी कुणाल पांडे के वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 जनवरी तय की है. पीड़िता आईआईटी-बीएचयू की छात्रा है. साल 2023 में इस मामले में लंका थाने में आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से हमला) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में तीन आरोपियों कुणाल पांडे, आनंद उर्फ ​​अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन तीनों इस वक्त जमानत पर हैं. गैंगरेप पीड़िता ने तीसरे आरोपी को जमानत मिलने के बाद कहा था कि वो वाराणसी छोड़कर दूसरे शहर जा रही है. पीड़िता ने पहले कोर्ट से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. बार-बार पेशी से पढ़ाई का नुकसान हो रहा था. 

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यह मामला 1 नवंबर, 2023 का है. पीड़िता और उसके दोस्त को बाइक सवार तीन लोगों ने अगवा कर लिया था. वो उस समय अपने हॉस्टल के बाहर टहल रही थी. इसके बाद तीनों लोगों ने बंदूक की नोक पर उसके कपड़े उतारने को मजबूर किया. इस घटना का वीडियो बनाया और फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. इस घटना के बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करके अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की थी.

इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने के दो महीने बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में थे. इनकी जमानत याचिका स्थानीय कोर्ट ने खारिज कर दी थी. इसके बाद इन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत अर्जी डाली थी. कथित तौर पर तीनों का बीजेपी के आईटी सेल से संबंध है. आरोप है कि वो अपने राजनीतिक रसूख की वजह से जेल से बाहर हैं.

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