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IIT बॉम्बे के छात्र ने की आत्महत्या, 7वीं मंजिल से कूदकर दी जान, सुसाइड नोट में डिप्रेशन का जिक्र

इस स्टूडेंट की उम्र 26 साल थी. जो सेकंड ईयर मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा था. छात्र के हॉस्टल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें डिप्रेशन की बात कही गई है.

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suicide
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुसाइड नोट में डिप्रेशन को बताया कारण
  • किसी को नहीं ठहराया मौत का जिम्मेदार

छात्रों की आत्महत्या की खबरें अक्सर आती हैं. जिनमें कभी शोषण से तंग होने तो कभी डिप्रेशन को कारण बताया जाता है. ताजा मामला आईआईटी बॉम्बे का है. यहां एक 26 साल के छात्र ने 7वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी. 

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पवई पुलिस ने बताया कि छात्र आज सुबह 4.30 मिनट पर अपने हॉस्टल की 7वीं मंजिल से कूद गया. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद लड़के को राजावाड़ी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई.

ये छात्र मास्टर्स के सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था.

पुलिस ने उसके होस्टल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है. छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे डिप्रेशन की समस्या है और उसका इलाज चल रहा है. लड़के ने किसी को भी अपनी आत्महत्या के पीछे जिम्मेदार नहीं ठहराया है. पवई पुलिस इस मामले में ADR के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच में जुट गई है.

स्कूल बस छूटी तो की आत्महत्या

बीते माह ही मध्य प्रदेश के बैतूल में स्कूल नहीं जा पाने के कारण 9वीं कक्षा के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. घटना बैतूल के चोपना थाना क्षेत्र के आम दोष गांव की थी. राहुल सरदार आमडोह गांव से 6 किमी दूर चोपना के सरकारी स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ता था. वह गांव के अन्य बच्चों के साथ यात्री बस से स्कूल जाता था. एक दिन सुबह 9 बजे वह स्कूल जाने के लिए घर से निकला. स्टॉप पर पहुंचते ही बस आई, लेकिन बस भरी होने के कारण कंडक्टर ने स्कूली बच्चों को बैठाने से इनकार कर दिया. इसके चलते राहुल समेत अन्य बच्चे घर लौट गए. 

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राहुल स्कूल मिस नहीं करना चाहता था. स्कूल नहीं पहुंच पाने से दुखी राहुल घर के पीछे की ओर चला गया. थोड़ी देर बाद जब वह नजर नहीं आया तो मां उसे तलाशते हुए पीछे पहुंची, जहां वह पेड़ पर लटका हुआ था.

 

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