इंदौर में एक अल्पसंख्यक चूड़ी वाले के साथ मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया. अब पुलिस ने फरियादी को ही आरोपी बना दिया. पुलिस ने पीड़ित को आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ 9 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं. उसके खिलाफ फर्जी पहचान पत्र रखने और नाबालिग बच्ची के साथ छेड़खानी के करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
आरोप है कि इन्दौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के गोविंद नगर में चूड़ी पहनाने के लिए मुस्लिम युवक नाम बदलकर गया था. उसके खिलाफ पुलिस ने अब छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत थाना बाणगंगा पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. छठवीं क्लास की छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है.
छात्रा ने रिपोर्ट में लिखवाया है कि 22 अगस्त को दोपहर 2 बजे चूड़ी बेचने एक लड़का आया था. जिसने अपना नाम गोलू पिता मोहन सिंह बताया था. घर पर वह अपनी मां के साथ थी. उसने अपनी पहचान के लिए जला हुआ वोटर आईडी कार्ड भी दिखाया.
आरोप है कि चूड़ी लेने के बाद मां जब पैसे लेने अंदर गई तो युवक ने बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा. वह चिल्लाई तो आसपास के लोग आ गए. इस पर वह भागने लगा. उसकी थैली से दो आधार कार्ड मिले हैं. एक पर उसका नाम असलम और दूसरे पर तस्लीम पिता मोहरअली लिखा था. उसके पास एक अधजला वोटर आईडी कार्ड मिला, जिस पर उसके पिता का नाम मोहन सिंह लिखा था.
इससे पहले पुलिस ने चूड़ी बेचने वाले युवक से मारपीट के मामले में तीनों आरोपियों गिरफ्तार कर लिया है. ग्वालियर से तीसरा मुख्य आरोपी विवेक व्यास भी पकड़ा गया. वो दिल्ली भागने की फिराक में था. राकेश कुमार, राजकुमार भटनागर और विवेक व्यास तीनों युवक को पीटने में शामिल थे.