शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत बांड भरने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है. कभी करोड़ों रुपये की मालकिन रही इंद्राणी के पास पैसा तो है, लेकिन उनके पास लोग नहीं हैं जो जमानतदार के तौर पर खड़े हो सकें. इंद्राणी मुखर्जी की ओर से जमानत बांड भरने के लिए लगातार मोहलत मांगी जा रही है. CBI कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया है. उनकी वकील सना रईस खान ने आठ सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ये समय बहुत ज्यादा होगा इसलिए चार सप्ताह की मोहलत काफी है. अदालत में उनकी वकील ने कहा कि उनका मोबाइल जब्त है, 6.5 सालों से वो जेल में थीं, जिसकी वजह से लोगों से संपर्क टूट गया और इसीलिए अदालत से और मोहलत की मांग की गई है.
18 मई को मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दी थी. चूंकि CBI की विशेष अदालत छुट्टी पर थी, इसलिए 18 मई को प्रभारी अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने की शर्तें तय कीं. मुखर्जी पर लगाई गई शर्तों के अनुसार, उन्हें फर्निशिंग पर रिहा करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही उन्हें लोकल सॉल्वेंट के साथ 2 लाख रुपये का बांड भी भरना था. इसके लिए उन्हें दो सप्ताह का समय दिया गया था जो 19 मई से शुरू होकर 1 जून को समाप्त हो गया.
1 जून को खत्म हुई डेडलाइन
विशेष सीबीआई जज एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि दो सप्ताह का समय 1 जून को समाप्त हो गया था और मुखर्जी ने फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया. मुखर्जी के वकील सना रईस खान ने अदालत के सामने तर्क दिया कि वह मौजूदा समय में जमानत बांड भरने में असमर्थ हैं.
जमानत राशि भरने में लगेगा और समय
इंद्राणी की ओर से यह भी कहा गया कि जमानत राशि देने में अभी और समय लगेगा. इसलिए वकील सना ने 8 सप्ताह का समय मांगा. हालांकि, लोक अभियोजक अभिनव कृष्ण ने इस आधार पर आवेदन पर कड़ी आपत्ति जताई कि पर्याप्त समय पहले ही दिया जा चुका है, समय बढ़ाने का कोई उचित कारण नहीं बताया गया है और इसलिए आवेदन को खारिज कर दिया जाना चाहिए.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश नाइक निंबालकर ने कहा, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इंद्राणी को और समय दिया जाए. हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि 8 सप्ताह का समय थोड़ा अधिक है, इसलिए चार सप्ताह का समय पर्याप्त होगा.
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