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इंद्राणी मुखर्जी को Jail Rioting Case में मिली जमानत

2017 में भायखला जेल में एक कैदी की कथित हत्या के खिलाफ महिला कैदियों के बवाल के एक दिन बाद इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ पुलिस ने कैदियों को हिंसा के लिए भड़काने का केस दर्ज किया था. 

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इंद्राणी मुखर्जी
इंद्राणी मुखर्जी

शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को jail rioting case में जमानत मिल गई है. इस मामले में जमानत अर्जी वकील सना रईस खान के माध्यम से 7 मार्च को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष दायर की गई थी. मुखर्जी को इस मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन पिछले साल मुंबई पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद उन्हें समन मिला था. 

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बता दें कि साल 2017 में भायखला जेल में एक कैदी की कथित हत्या के खिलाफ महिला कैदियों के बवाल के एक दिन बाद इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ पुलिस ने कैदियों को हिंसा के लिए भड़काने का केस दर्ज किया था. लेकिन अब उसी मामले में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी गई है. ये फैसला सुनाते वक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा है कि जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था. सिर्फ जांच करने वाले ऑफिसर ने एक चार्जशीट दायर की थी. इससे साफ समझा जा सकता है कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. ऐसे में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दी जाती है.

अब इस मामले में तो इंद्राणी मुखर्जी को राहत मिल गई है, लेकिन शीना बोरा हत्याकांड में वे अभी भी सजा काट रही हैं. जमानत याचिका दायर की गई है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से अभी कोई राहत नहीं मिली है. वैसे कुछ दिन पहले ही इंद्राणी मुखर्जी ने ये कहकर सभी को चौंका दिया था कि उनकी बेटी शीना बोरा जिंदा है. उन्होंने यहां तक कहा था कि सीबीआई सत्य को छिपाने के लिए उस मामले की जांच नहीं कर रही.

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ये अलग बात रही कि सीबीआई ने इंद्राणी के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था. जोर देकर कहा गया था कि ये सब कुछ सिर्फ इंद्राणी की कल्पना है और शीना को जिंता रहना असंभव है. आरोप तो ये भी लगा था कि कोर्ट में सुनवाई को टालने के लिए इंद्राणी द्वारा ऐसे प्रयास किए जा रहे थे.

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