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असम: IPS ऑफिसर पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, सहकर्मी की नाबालिग बेटी के साथ हरकत

मिली जानकारी के अनुसार इस साल 31 मार्च को, भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सहकर्मी की नाबालिग बेटी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप
  • 31 दिसंबर 2019 का मामला, सुनवाई बाकी

असम पुलिस ने एक आईपीएस अफसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक असम के चिरांग जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पर एक सहकर्मी की 14 वर्षीय बेटी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इस मामले में असम पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया. 

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14 मई को असम सरकार के गृह (ए) विभाग द्वारा जारी एक आदेश में गौरव उपाध्याय को चिरांग जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित और तैनात किया गया था. वह पहले गुवाहाटी में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर तैनात थे.
 
मिली जानकारी के अनुसार इस साल 31 मार्च को, भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था.
 
जांच के बाद चार्जशीट दायर की गई, जिसमें मामले की सुनवाई होना अभी बाकी है. सबूतों से पता चला कि गौरव उपाध्याय इस मामले में शामिल थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत पिछले साल 3 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें मामला (संख्या 5/2020) दर्ज किया गया था.
 
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने 31 दिसंबर, 2019 को असम के कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में नए साल की पार्टी के दौरान अपने आधिकारिक आवासीय बंगले के अंदर सहकर्मी की 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था. बाद में मामले को जांच के लिए सीआईडी ​​को सौंप दिया गया. 

 

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