इजरायली सेना ने एक बार फिर गाजा के मुख्य अस्पताल अल-शिफा में सैन्य कार्रवाई की है. सोमवार को हुई इस कार्रवाई में इजरायली सेना ने हमास के 20 लड़ाकों को मारने और 200 को गिरफ्तार करने का दावा किया है. आईडीएफ का कहना है कि अल-शिफा अस्पताल में आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली थी. इसके बाद वहां सैन्य कार्रवाई की गई है.
अल शिफा अस्पताल गाजा पट्टी का सबसे बड़ा अस्पताल है. युद्ध के बाद उत्तरी गाजा में यही एक अस्पताल बचा है, जहां अब भी आंशिक रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा यहां इजरायली हमले में बेघर हुए हजारों लोग शरण लिए हुए हैं. लेकिन इजरायली सेना की इस सैन्य कार्रवाई के बाद फिलिस्तीनी लोगों के बीच दहशत का माहौल है.
इजरायली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने जहां हमास के 20 लड़ाकों को मारने और 200 को गिरफ्तार करने का दावा किया, वहीं फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मारे गए और गिरफ्तार हुए ज्यादतर आम लोग हैं. वहीं फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास ने अल-शिफा अस्पताल पर इजरायली सैन्या कार्रवाई की निंदा की है.
इसके साथ ही हमास ने इसे नया अपराध और आक्रमण बताया है. इससे पहले नवंबर महीने में भी इजरायली सेना ने अल-शिफ़ा अस्पताल में सैन्य कार्रवाई की थी. आईडीएफ दावा करती रही है कि हमास अस्पताल परिसर से ही अपना कमांड सेंटर चलाता है. इसके पक्ष में इजरायल ने कई वीडियो सबूत के तौर पर भी पेश किए हैं, जिसमें हथियार देखा गया है.
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गाजा संकट पर वॉशिंगटन में इज़रायल और अमेरिका के बीच अहम बैठक होने वाली है. रफाह में इजरायली सैन्य अभियान की चेतावनी के बाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बेचैनी देखी जा रही है. ऐसे में इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बैठक अगले हफ्ते वॉशिंगटन में होगी.
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इसके साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि बैठक से पहले रफाह में कोई ऑपरेशन नहीं होगा. यही नहीं जेक सुलिवन ने इजरायल को अमेरिकी सहायता में कटौती के संदेह को भी दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐसी किसी कटौती की कोई धमकी नहीं दी है. ये सरासर अफवाह है.
जेक सुलिवन ने कहा, ''राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी चिंताओं को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री से फोन पर बात की है. उनसे एक वैकल्पिक दृष्टिकोण तैयार करने के लिए अनुरोध किया है, जो रफाह में हमास के लड़ाकों को लक्षित करेगा और जमीनी सैन्य कार्रवाई के बिना मिस्र-गाजा सीमा को सुरक्षित करेगा. बेंजामिन नेतन्याहू ने उनसे सहमति व्यक्त की है.''
बताते चलें कि इजरायली प्रधानंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार की शाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की थी. इसमें हमास का खात्मा, बंधकों की रिहाई और इज़रायल पर दोबारा ऐसे हमले ना हो इस पर चर्चा की गई. 15 फरवरी के बाद ये दोनो नेताओं के बीच पहली वार्ता थी. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने नेतन्याहू के रफाह में सैन्य अभियान पर चेतावनी दी थी.