''गाजा शहर के नागरिकों, आप सभी उत्तरी इलाके को खाली कर दक्षिण के इलाके में चले जाएं. अपने साथ-साथ अपने परिवारों की जान बचाएं. खुद को हमास के आतंकियों से दूर रखें. वो आपका इस्तेमाल इंसानी ढाल के तौर पर कर रहे हैं''...आजकल गाजा पट्टी पर बम की बरसात करते इजरायली लड़ाकू विमानों से हजारों की संख्या में पर्चियां गिराई जा रही हैं, जिनमें इसी तरह के संदेश लिखे हुए हैं. इजरायल गाजा पट्टी में मौजूद फिलिस्तीनी नागरिकों से लगातार अनुरोध कर रहा है कि वो वहां से सुरक्षित इलाकों में चले जाएं. क्योंकि जमीन पर होने वाली जंग में हमास के आतंकी उन्हें ढ़ाल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इतना ही नहीं टैंक के गोलों और गोलियों से किसी की भी जान सकती है.
गाजा पट्टी आसमान से बरसते बम और रॉकेट के बीच इजरायली सेना से चारों तरफ से गिर चुका है. इजरायली सेना के 3.60 लाख जवान कदमताल कर रहे हैं. 2200 टैंक आग के गोले उगलने के लिए तैयार खड़े हैं. उसकी रिजर्व सेना भी हमास के आतंकियों से बदला लेने के लिए बेकरार है. लेकिन इन सबके बावजूद इजरायल अभी तक गाजा पट्टी की जमीन पर नहीं पहुंचा है. कई दिनों से चेतावनी जारी कर रहा है. उसे इंतजार है कि वहां मौजूद फिलिस्तीनी नागरिक सुरक्षित निकल जाएं, तो आतंकियों के छक्के छुड़ाने के लिए उसकी सेना धावा बोल दे. इजरायली सैनिकों ने हर आतंकी को चुन-चुनकर खत्म करने की कसम खाई है. इधर इजरायल की अपील का फिलिस्तीनी नागरिकों पर असर दिख रहा है.
इजरायल की चेतावनी का कितना असर?
गाजा पट्टी में फिलिस्तिनियों की 20 लाख आबादी रहती है. इसमें महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल है. इसे दुनिया के सबसे घनत्व आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है. यही वजह है कि इजराइल ने वहां के नागरिकों को गाजा खाली करने की चेतावनी दी है. उसकी चेतावनी के बाद गाजा पट्टी से करीब 4 लाख 23 हजार पलायन कर चुके हैं. लोग लगातार वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सवाल यही है कि इतनी बड़ी जनसंख्या क्या इतनी जल्दी उत्तर से दक्षिण की तरफ जा पाएगी? क्या हमास के आतंकी उन्हें ऐसा आसानी से करने देंगे? क्योंकि इजरायल को भी पता है कि हमास जमीनी जंग के दौरान फिलिस्तिनियों और इजरायली बंधकों को ढ़ाल के रूप में इस्तेमाल करने वाला है.
संभावित जंग पर पूरी दुनिया की निगाह!
गाजा पट्टी में संभावित इजरायल और हमास के बीच जमीनी जंग पर पूरी दुनिया की निगाह बनी हुई है. हर किसी की यही चिंता है कि वहां मौजूद बेकसूर आम नागरिकों का नुकसान न हो. क्योंकि जंग हुई तो आतंकियों के साथ बड़ी संख्या में आम लोग मारे जाएंगे. अमेरिका भी इजरायल पर हुए हमले के बाद उसके साथ है, लेकिन वो उसको गाजा में नागरिकों के कत्लेआम से बचने की सलाह भी दे रहा है. उसकी कोशिश है कि हमास की कैद से इजरायलियों को छुड़ा लिया जाए. रूस भी अपने तेवर कड़े हुए हैं. उसका भी यही कहना है कि इस जंग में फिलिस्तनी नागरिकों की मौत नहीं होनी चाहिए. जमीनी जंग के कहर को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई गई है.
गाजा पट्टी में ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी
इजरायली सैनिक जमीनी जंग की आखिरी तैयारी कर रहे हैं. बम-बारूद, हथियार सब तैयार हैं. अब बस हमास पर सबसे बड़े प्रहार का इंतजार हो रहा है.गाजा में आमने-सामने की लड़ाई से पहले इजरायली सेना ने पूरी योजना बनाई है, ताकि जब गाजा में हमास के आतंकियों से उनका सामना हो तो सेना को कम से कम नुकसान हो. माना जा रहा है कि हमास के आतंकी इजरायली सेना पर भीड़-भाड़ वाले इलाके से छिपकर हमला कर सकते हैं. इजरायल हमास के खिलाफ ऑपरेशन को किसी भी सूरत में हल्के में नहीं ले सकता. क्योंकि पिछले शनिवार को हमास ने जिस तरह इजरायल पर हमला करके सबको चौंका दिया, 20 मिनट के भीतर 5000 से रॉकेट दागकर सुरक्षा भेद दिया. वो साधारण नहीं है.
हमास आतंकियों के ठिकानों पर स्ट्राइक
इजरायली सेना ने गाजा में एंट्री से पहले ही 750 ऐसे इलाके तय किए हैं, जहां हमास के आतंकियों के ठिकाने हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि हमास ने गाजा के चारों ओर सुरंगों का बड़ा जाल बनाया है. उसके आतंकी एक जगह से दूसरी जगह जाने और हमला करने के लिए इन्हीं सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि सभी तरह के संपर्क टूट जाने के बाद भी हमास के आतंकी इन्हीं सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में इजरायली सेना के सामने हमास के आतंकियों के बीच संपर्क पूरी तरह से खत्म करना भी चुनौती है. आतंकियों को बगैर अलग थलग किए इजरायली सैनिकों के लिए गाजा में ऑपरेशन चलाना आसान नहीं होगा. यही वजह है कि इसके फुल प्रूव तैयारी की गई है.
आर-पार जंग की तैयारी में है इजरायल
इजरायल ने आर-पार की जंग की तैयारी कर ली है. दुनिया के तमाम देशों की चेतावनी और सलाह के बाद भी वो वही कर रहा है, जो उसे ठीक लग रहा है. इतना ही नहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. उन्होंने कहा है, ''हम पूरी ताकत से दुश्मन पर हमला कर रहे है जैसा पहले कभी नहीं हुआ. मैं बता दूं कि ये तो बस शुरुआत है. दुश्मन ने अभी तो कीमत अदा करनी शुरू की है.'' इसके साथ ही नेतन्याहू हमास के आतंकवादियों और उनके आकाओं को वैसे ही उसके सुरंगों में कुचलने का प्रण कर रहे हैं, जैसे आईएसआईएस सरगना बगदादी को सुरंग में ही दफन कर दिया गया था. जाहिर है कि दोनों के बीच जंग अभी लंबी चलने वाली है.
एक नाकामी ने सोचने पर मजबूर किया
दुनिया में इजरायल को उसकी वीरता के लिए जानती है. उसने साल 1973 में अरब देशों को अकेले हराया था, लेकिन इस बार इंटेलिजेंस की नाकामी ने इजराइल के साथ उस की ताकत पर भरोसा करने वाले देशों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. यही वजह है कि इजराइल में एक अजीब सी खामोशी फैली है. एक अजीब का डर है, जो वहां की सड़कों दुकानों और लोगों के बीच देखा जा सकता है. इजराइल के अंदर अरब देश के लोग भी रहते हैं जो फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं. वो भी लगातार इजराइल के गाजा पट्टी पर हो रहे हमले का विरोध कर रहे हैं. समस्या सिर्फ गाजा पट्टी पर हमले से खत्म होने वाली नहीं है. बल्कि चुनौती हमास के इजराइल के अंदर दोबारा हमले की भी है.
इनपुट- आजतक संवाददाता गौरव सावंत, आशुतोष मिश्रा और अशरफ वाणी