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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किश्तवाड़ साजिश मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह मामला 2 साल से भी ज्यादा पुराना है और एनआईए ने नवंबर 2019 में इसकी जांच शुरू की थी. मामले की जांच जारी है.
एनआईए ने आज शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के तीन आतंकवादियों के खिलाफ एनआईए स्पेशल कोर्ट, जम्मू के समक्ष चार्जशीट दायर कर दी. तीन आतंकियों जफर हुसैन निवासी हुंजल्ला, किश्तवाड़, तनवीर अहमद मलिक निवासी ग्राम तंतना, डोडा और तारक हुसैन गिरी ग्राम पोछल, किश्तवाड़ के खिलाफ यह चार्जशीट दाखिल हुई है.
साजिश में शामिल अन्य तीन आतंकवादियों के खिलाफ आरोपों को खत्म कर दिया जाएगा क्योंकि ये आरोपी (ओसामा बिन जावेद, हारून अब्बास वानी और जाहिद हुसैन) पहले ही सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं.
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यह केस 2019 में 8 मार्च को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले किश्तवाड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया था. यह केस डीसी किश्तवाड़ के एस्कॉर्ट प्रभारी के सर्विस हथियार को छीनने से संबंधित है. एनआईए की ओर से इस संबंध में 2019 में ही 2 नवंबर को फिर से केस दर्ज कराया गया क्योंकि उसने यह जांच अपने हाथ में ले ली थी.
एनआईए ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए 2018 और 2019 के दौरान हुए आतंकवादी गतिविधियों सुरक्षा एजेंसियों से हथियारों की लूट और जम्मू कश्मीर के प्रॉमिनेंट लीडर्स पर हमले जैसे तथ्यों को अपनी जांच में शामिल किया.
मामले की जांच जारी
जांच से पता चला कि यह तात्कालिक मामला किश्तवाड़ में साल 2018-2019 के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा किए गए कई आतंकवादी कृत्यों में से एक था. इन सभी आतंकी कृत्यों का उद्देश्य किश्तवाड़ में हथियार लूटकर और उस समुदाय के सदस्यों के बीच आतंक पैदा करने के लिए एक विशेष समुदाय के खास लोगों को निशाना बनाकर आतंकवाद को पुनर्जीवित करना था.
आरोपी आतंकी ओसामा बिन जावेद, हारून अब्बास वानी और जाहिद हुसैन साल 2019 और 2020 में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए थे. वे हिजबुल के आतंकवादी थे. डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में और किश्तवाड़ में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल भी थे. आरोपी जफर हुसैन, तनवीर अहमद मलिक और तारक हुसैन गिरी भी कई आतंकवादी घटनाओं रहे हैं. फिलहाल मामले में आगे की जांच जारी है.