हनुमान जयंती के मौके पर राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के 5 आरोपियों को रोहिणी कोर्ट ने 8 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. कोर्ट ने जिन आरोपियों को 8 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है उसमें अंसार, सलीम चिकना, इमाम शेख उर्फ सोनू चिकना, दिलशाद व अहीर शामिल हैं.
इन सभी आरोपियों पर पहले ही गृह मंत्रालय द्वारा रासूका (NSA) लगाया जा चुका है. शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हिंसा के आरोपी सलीम चिकना, इमाम शेख उर्फ सोनू चिकना, दिलशाद व अहीर समेत 9 आरोपियों की रोहिणी अदालत में वर्चुअल पेशी कराई.
वर्चुअल पेशी के दौरान क्राइम ब्रांच ने अदालत के सामने दलील दी कि मामला बेहद संवेदनशील है इसलिए अभी और पूछताछ होनी बाकी है, जिससे साजिश में शामिल अन्य आरोपियों का पता लग सके. क्राइम ब्रांच की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इस मामले की जांच के लिए उन्हें पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों पर जाना पड़ सकता है, ऐसे में उन्हें पूछताछ के लिए वक्त दिया जाए. पुलिस ने जांच संबंधित अन्य दलीलों का हवाला देते हुए कोर्ट से इन आरोपियों की 8 दिन की पुलिस रिमांड मांग की.
पुलिस की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने एनएसए के तहत गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों (अंसार, सलीम चिकना, इमाम शेख उर्फ सोनू चिकना, दिलशाद व अहीर) को 8 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने हिंसा के 3 अन्य आरोपियों को 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
क्या है पूरा मामला?
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर कुछ लोग शोभायात्रा लेकर निकल रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव कर दिया था. पथराव के बाद जहांगीरपुरी में हिंसा भड़क गई थी. इसमें आठ पुलिसकर्मियों समेत कुल नौ लोग घायल हुए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त अस्थाना ने ईडी को 21 अप्रैल को पत्र लिखकर हिंसा के पीछे के वित्तीय एंगल की जांच करने की मांग की है.
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