देश में एक ओर जहां कोविड की दूसरी लहर से खलबली मची हुई थी, वहीं जामनगर के सरकारी कोविड अस्पताल में महिला अटेंडेंट के साथ शारीरिक छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. युवती का आरोप है कि सुपरवाइजर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रहा है. शिकायत को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया है.
मामला जामनगर के सरकारी जीजी अस्पताल का है, जहां काम करने वाली महिला अटेंडेंट द्वारा सुपरवाइजर पर शारीरिक छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है. जीजी हॉस्पिटल के कोरोना विभाग में अटेंडेंट के तौर पर काम करने वाली युवती ने मीडिया के सामने यह खुलासा किया है कि सुपरवाइजर महिला अटेंडेंट से फिजिकल रिलेशन बनाने को कहता है और अगर मना कर दो तो उन्हें यह कहकर जॉब से निकल दिया जाता है कि चले जाओ आपका यहां कोई काम नहीं है.
इतना ही नहीं युवती ने ये भी आरोप लगाया है कि यहां जॉब ज्वाइन किए हुए 4 महीने हो गए हैं लेकिन उनको सैलरी नहीं दी गई है और बिना किसी कारण तथा नोटिस के जॉब से निकल दिया गया है.
कमिटी बनाकर होगी जांचः गृह मंत्री
इस मामले में राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा का कहना है कि इस मामले में कमिटी बनाकर जांच की जाएगी. प्रांत अधिकारी, एएसपी, और मेडिकल कॉलेज के डीन की टीम होगी जो इस मामले में जांच करेगी.
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी जीजी हॉस्पिटल में काम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ को अस्थायी तौर पर जॉब पर रखा गया था. आरोप लगाने वाली महिला भी उन्हीं अस्थायी अटेंडेंट्स में से एक है.
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सिर्फ एक ही युवती ने नहीं बल्कि कई महिला अटेंडेंट ने कलेक्टर ऑफिस में ज्ञापन देते हुए यह आरोप लगाया है. महिला कर्मचारियों की ओर से लगाए गए आरोप के बाद जामनगर से लेकर गांधीनगर तक मांग उठी है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएं.
एक्शन नहीं प्रदर्शन की धमकी
वहीं इस मामले में अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर धर्मेन्द्र वसावडा का कहना है कि अटेंडेंट की सैलेरी का जो मामला हे वो कंप्यूटर अपडेट होने के बाद हो जाएगा, जबकि शरीरिक छेड़छाड़ को लेकर अब तक हमारे पास किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है.
गौरलतब है कि कोविड की दूसरी लहर के वक्त जब लोग अस्पताल में एडमिट होने के लिए लाइन लगा रहे थे, उस वक्त स्टाफ की भी काफी ज्यादा जरूरत थी. ऐसे में सरकार द्वारा उस वक्त करीबन 700 युवकों और युवतियों को अटेंडेंट के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट पर लिया गया था.
आरोप से मची खलबली के बीच आज जामनगर एसडीएम अस्पताल पहुंचे और महिला अटेंडेंट्स के साथ बातचीत कर पूरे मामले को जानने की कोशिश की.
दूसरी ओर, अटेंडेंट के सहयोगियों ने धमकी दी है कि अगर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो अगले 48 घंटे में धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेंगे.