पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में एक बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या की घटना सामने आई है. इस वारदात के सामने आने के बाद गुस्साए लोगो ने स्थानीय पुलिस चौकी में आग लगा दी. परिसर में मौजूद गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ करते हुए पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की है. पुलिस का कहना है कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी शख्स ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो पिछले दो दिनों से बच्ची को आइसक्रीम खिला रहा था. उससे दोस्ती करने की कोशिश कर रहा था. शुक्रवार की शाम उसने बच्ची को अपनी साइकिल पर लिफ्ट दी. उसे एक अज्ञात स्थान पर ले गया. वहां बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया.
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात करीब 8 बजे बच्ची के परिजनों ने उसके अपहरण का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में शनिवार करीब 2 बजे पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया. इसके बाद उसे उस स्थान पर ले गई, जहां उसने बच्ची की हत्या करने के बाद शव छोड़ा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वारदात की वजह से स्थानीय लोगों ने स्थानीय पुलिस चौकी में आग लगा दी. वहां खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी.
ग्रामीणों ने कहा कि नाबालिग शुक्रवार शाम से लापता थी. पुलिस ने उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं की थी. स्थानीय लोगों ने शनिवार की सुबह जयनगर इलाके में बच्ची का शव बरामद किया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने महिसमारी पुलिस चौकी को आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. इस वजह से पुलिसकर्मियों को परिसर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. सूचना मिलते ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल भेजा गया.
भीड़ को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए, जो एसडीपीओ और अन्य वरिष्ठ अफसरों को मौके पर ही रोकने की कोशिश कर रही थी. एक स्थानीय व्यक्ति ने दावा किया, "लड़की के परिवार के सदस्यों ने क्षेत्र के महिसमारी चौकी में एक प्राथमिकी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने वैसी ही प्रतिक्रिया दी, जैसा उन्होंने आर जी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद किया था.''
ग्रामीणों ने कहा कि जब तक इस जघन्य कांड के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता और उनको सजा नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने कार्रवाई में देरी की है. यदि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की होती, तो पीड़ित लड़की को बचाया जा सकता था. हालांकि, पुलिस ने कहा कि शिकायत मिलने के तुरंत बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "शुक्रवार रात 9 बजे एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस हरकत में आई. शुरुआती जांच के बाद शनिवार सुबह एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले की जांच जारी है. हम मृतक के परिवार के साथ हैं. पुलिस चौकी पर आगजनी और सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नष्ट करने में शामिल लोगों की पहचान की जाएगी. उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी."
कुलताली के टीएमसी विधायक गणेश मंडल को भी ग्रामीणों ने खदेड़ दिया. वो स्थानीय लोगों को शांत करने के लिए मौके पर गए थे. लोगों ने उन पर पुलिस का समर्थन करने का आरोप लगाया. इसके बाद विधायक गणेश मंडल ने कहा कि वो क्षेत्र के लोगों की शिकायतों और गुस्से को समझते हैं, लेकिन उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. पुलिस से इस मामले की गहन जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है.
जयनगर से टीएमसी सांसद प्रतिमा मंडल जब पद्मेरहाट ग्रामीण अस्पताल गईं, तो लोगों ने उनके खिलाफ 'वापस जाओ' के नारे लगाए. इसी अस्पताल में पीड़ित बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल, पूर्व राज्य मंत्री और सीपीआई (एम) नेता कांति गांगुली और डीवाईएफआई नेता मीनाक्षी मुखर्जी भी अस्पताल पहुंचे. वो मृतक के परिवार से मिलना चाहते थे. इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी बहस हुई.
इस घटना परकेंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "एक कक्षा 4 की लड़की को ट्यूशन से लौटते समय जबरन उठा लिया गया, उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. बंगाल की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. उन्हें देवी पक्ष (महालया से देवी दुर्गा के आगमन की 15 दिवसीय अवधि) के दौरान भी मारा जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं."