रांची से टाटा को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण हो रहा है. इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 75 फीट की जानी है. काम तेजी से चल भी रहा है. हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य लगभग पूरा होने को भी है लेकिन कई ऐसे पॉकेट्स हैं जहां लोगों को सड़क किनारे घर के लिए मुआवजा नहीं मिला है. ऐसे लोगों के सामने मुआवजा न मिलने के कारण घर छोड़ने में समस्या है तो दूसरी तरफ जिंदगी खतरे में पड़ जा रही.
बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके घर सड़क किनारे बने थे, उनको मुआवजा नहीं मिला. मुआवजा मिल जाता तो वे उसी पैसे से जमीन खरीदकर मकान बना लिए होते. यही वजह है कि आए दिन सड़क किनारे लोग दुर्घटना का शिकार हो जा रहे हैं और खतरे के साये में जीने को मजबूर हैं. ताजा मामला तमाड़ के पोड़ा डीह गांव की है जहां एक तेज रफ्तार ट्रक घर में घुस गया. घर में सोया बुजुर्ग दंपत्ति इस घटना में बाल-बाल बच गया.
जानकारी के मुताबिक तेज रफ्तार बेकाबू ट्रक जब घर में घुसा तब बुजुर्ग दंपत्ति अंदर ही सो रहा था. वे इस हादसे में बाल-बाल बच गए. हालांकि, दोनों घर के गिरे मलबे से घायल हुए हैं. बताया जाता है कि यहां नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पुल के लिए डायवर्जन बनाया गया है. चालक इसे समझ नहीं पाया और ट्रक अनियंत्रित होकर दीवार और शटर तोड़ते हुए घर में जा घुसा.
इस हादसे में ट्रक के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गये. चालक काफी देर तक ट्रक में ही फंसा रहा. ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद उसे ट्रक से निकाला और उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया. जहां हादसा हुआ, वह घर हाईवे से बिल्कुल सटा हुआ है. एनएचआई की ओर से अब तक मुआवजा नहीं दिए जाने के कारण कई घरों में लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं.
हाईवे के किनारे कई घर ऐसे भी हैं जो मुआवजा दिए जाने के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही के कारण खाली नहीं कराए गए हैं. गांव के विनोद साहु ने बताया कि इस जगह पर आए दिन इस तरह के हादसे होते रहते हैं. उन्होंने प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनएचएआई की ओर से अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन खाली कराने के लिए प्रशासन की ओर से पहल नहीं की जा रही.
(खूंटी से अरविंद के इनपुट के साथ)