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Jharkhand: मोबाइल चोरी के आरोप में आदिवासियों ने नाबालिग को बंधक बनाकर पीटा, छुड़ाने में पुलिस आया पसीना

झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob lynching in jharkhand) का कानून बन चुका है, इसके बावजूद मॉब लिंचिंग जैसे अपराध थम नहीं रहे हैं. यहां एक नाबालिग लड़के को मोबाइल चोरी के आरोप में बंधक बनाकर पीटा गया. शिकायत मिलने पर पुलिस पहली बार में लड़के को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा नहीं पाई. बंधक लड़के को छुड़ाने में पुलिस को पसीना आ गया.

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कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बंधक को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया.   (Photo: Aajtak)
कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बंधक को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया. (Photo: Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बंधक को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया
  • झारखंड में मॉब लिंचिंग कानून के बाद भी नहीं रुक रहे मामले

झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob lynching in jharkhand) क़ानून बनने के बावजूद भीड़ तंत्र का कानून हाथ में लेने का सिलसिला थम नहीं रहा है. ताजा मामला झारखंड की मिर्चाचौकी साहिबगंज का है, यहां एक नाबालिग लड़के को मोबाइल चोरी के आरोप में लगभग 24 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया. काफी मशक्कत के बाद बंधक बनाए गए नाबालिग को पुलिस मंगलवार को छुड़ा पाई.

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जानकारी के अनुसार, यह मामला मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र स्थित महादेववरण का है. यहां के एक नाबालिग लड़के को सोमवार को मोबाइल चोरी के आरोप में बरतल्ला गांव के दर्जनों आदिवासी ग्रामीणों ने पकड़ लिया था. ग्रामीणों ने बरतल्ला गांव में लाकर पहले तो लड़के को कथित रूप से मारा पीटा और बाद में उसे बंधक बना लिया. 

पहली बार में खाली हाथ लौट आई थी

नाबालिग लड़के की मां ने मिर्जाचौकी थाना में दिए गए आवेदन में कहा कि सोमवार को ठाकुर मरांडी, बाबूजी मुर्मू, चन्ना सोरेन, जजी मुर्मू, चंचल हेंब्रम सहित 10 से 15 लोग बेटे को घर से उठाकर ले गए. उसके साथ मारपीट की जा रही है. पुलिस ने अगर जल्द से जल्द बेटे को नहीं छुड़ाया तो उसकी जान जा सकती है. यह आवेदन मिलते ही थाना प्रभारी अशोक प्रसाद ने सब इंस्पेक्टर कृष्णा मुंडा को दलबल के साथ लड़के की बरामदगी के लिए भेजा, लेकिन पुलिस गांव वालों की पकड़ से लड़के को छुड़ाने में नाकाम रही. खाली हाथ वापस आ गई. 

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अपने ढंग से युवक को सजा देना चाहते थे आदिवासी

मंगलवार की सुबह एएसआई सोलाय सुंडी व एएसआई सत्येंद्र प्रसाद को दल बल के साथ नाबालिग को छुड़वाने भेजा गया. ग्रामीण काफी नाराज दिखे. बरतल्ला के प्रधान संजी हेंब्रम गांव की पंचायत बैठाकर आदिवासी ढंग से नाबालिग को सजा देना चाहते थे. कई घंटों तक चले इस पूरे ड्रामे की खबर आसपास के इलाकों में तेजी से फैली तो भीड़ जुटने लगी. नाराज ग्रामीणों को समझाने बुझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया कि कार्रवाई की जाएगी. इधर पंचायत प्रतिनिधि भी नदारद दिखे.

गांव वालों ने आरोप लगाया कि नाबालिग लड़के ने मोबाइल चोरी कर बेच दिया है. कुछ आदिवासियों को इसकी जानकारी मिली तो लोगों ने उसे धर दबोचा है. काफी मशक्कत के बाद पुलिस बंधक को छुड़ाकर थाने लाई. पुलिस चोरी किए गए मोबाइल को बरामद करने का प्रयास कर रही है.

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