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एक रुपया चुराने की ऐसी सजा! क्रूर पिता ने खौलते पानी में डुबोए बेटे के हाथ

इस बच्चे का कसूर बस इतना था की इसने अपनी भूख मिटाने के लिए घर से एक रुपया ले लिया था और दुकान से पावरोटी खरीदकर खा ली थी.

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पिता ने जला दिए बेटे के हाथ
पिता ने जला दिए बेटे के हाथ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिता ने अपने बेटे के दोनों हाथ जलाए
  • झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले की घटना

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में एक पिता ने अपने ही बेटे को खौफनाक सजा दी है. पिता ने अपने ही बच्चे के दोनों हाथ को खौलते पानी में डुबो दिया. बच्चा का गुनाह सिर्फ यह था कि उसने कथित रूप से एक रुपया चुरा लिया था. घटना के दो महीने गुजर चुके हैं, लेकिन बच्चे की हालत नहीं सुधर रही.

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झिंकपानी के लुगुनसाईं गांव में रहनेवाले 12 साल के इस मासूम बच्चे पर पिता ने ऐसा जुल्म ढाया है कि बच्चा जीवन भर के लिए बिना हाथ का हो सकता है. मासूम का कुसूर बस इतना था की इसने अपनी भूख मिटाने के लिए घर से एक रुपया ले लिया था और दुकान से पावरोटी खरीदकर खा ली थी.

पहले पीटा, फिर हाथों को खौलते पानी में डाला

घटना बीते 15 मई की है. बताया जाता है की झिंकपानी निवासी चिंता बोइपाई के 12 साल के बेटे बुधराम बोइपाई ने घर से एक रुपया लेकर दुकान से पावरोटी खरीदकर का ली. जब यह बात पिता चिंता बोइपाई को पता चली तो उसने अपने मासूम बेटे बुधराम बोइपाई की जमकर पिटाई की. पिटाई से भी पिता का मन नहीं भरा तो उसने मासूम बच्चे के दोनों हाथ को घर में खौलते पानी में डुबो दिया. बच्चा चीखता रहा, चिल्लाता रहा लेकिन बेदर्द पिता को जरा भी दया नहीं आई. बच्चे की आवाज सुन मां भागी-दौड़ी मौके पर पहुंची और अपने बच्चे को पिता से किसी तरह बचाया. बच्चे की मां उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंची. अब इलाज को दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं है.

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बच्चे के जख्म भरे लेकिन हाथ में हो गया है इन्फेक्शन: डॉक्टर

हाल में बुधराम बोइपाई को फिर से चाईबासा सदर अस्पताल लाया गया है. जहां उसका ईलाज फिर से शुरू किया गया है. सदर अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं की बच्चे के जख्म से भरे हाथ में काफी इन्फेक्शन हो गया है. बच्चे के इन्फेक्टेड पार्ट्स को अलग करना पड़ सकता है. फिलहाल मरहम पट्टी कर बच्चे थोड़ी रहत दी गयी है. इसके बाद एक्सरे और अन्य जांच के बाद उसके बेहतर ईलाज की कोशिश की जाएगी.

परिवार के पास इलाज के भी पैसे नहीं

सुमिता होता फाउंडेशन के अध्यक्ष सदानंद होता ने बताया की उनसे बच्चे का रोना नहीं देखा जा रहा है. मासूम इतने गरीब परिवार से है की इनके पास खाने तक के लिए पैसे नहीं है तो इलाज कैसे करवाएं. जानकारी के आभाव में इनके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं है. वे कोशिश कर रहे हैं की किसी तरह इनका आयुष्मान कार्ड बन जाये. सदानंद होता ने आम लोगों से इस मासूम बच्चे को मदद करने की अपील की है.

दो शादियां कर आठ बच्चों का पिता है मासूम की हाथ जलाने वाला

समाजसेवी जीतेन्द्र गोप बताते हैं कि मासूम बच्चे बुधराम बोइपाई के पिता चिंता बोइपाई ने दो शादियां की है. पहली पत्नी से उसके पांच बच्चे हैं जबकि दूसरी पत्नी से उसके तीन बच्चे हैं. कुल आठ बच्चों के पिता की क्रूरता की यह कहानी है. जिस बच्चे का हाथ पिता चिंता बोइपाई ने खौलते पानी में डुबोया है वह बच्चा दूसरी पत्नी का बड़ा बेटा है.

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(जय कुमार तांती का इनपुट)

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