scorecardresearch
 

पुणे में पोर्श कार जैसा कांड, नाबालिग ने महिला को मारी जोरदार टक्कर, वीडियो वायरल

महाराष्ट्र के पुणे जिले में तीखी बहस के बाद अपनी कार से एक महिला को कुचलने के आरोप में पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के को हिरासत में लिया है. शनिवार को अलंदी इलाके के वडगांव घेनंद गांव में हुई इस घटना ने 19 मई के कल्याणी नगर में हुए पोर्श कार कांड की भयावह याद ताजा कर दी है.

Advertisement
X
पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के को हिरासत में लिया है.
पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के को हिरासत में लिया है.

महाराष्ट्र के पुणे जिले में तीखी बहस के बाद अपनी कार से एक महिला को कुचलने के आरोप में पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के को हिरासत में लिया है. शनिवार को अलंदी इलाके के वडगांव घेनंद गांव में हुई इस घटना ने 19 मई के कल्याणी नगर में हुए पोर्श कार कांड की भयावह याद ताजा कर दी है. इस घटना में एक एक नाबालिग आरोपी ने अपनी लग्जरी पोर्श कार से सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को रौंद दिया था.

Advertisement

इस हालिया घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें एक महिला को टक्कर मारने वाली कार को लापरवाही से चलाते हुए दिखाया गया है. आरोपी लड़के ने कार में बैठने से पहले महिला के पति और ससुर को गाली दी और दंपति को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. इसके बाद उसने तेजी से अपनी कार बहुत पीछे किया. फिर पूरे रफ्तार के साथ कार को दौड़ते हुए महिला को टक्कर मार दी.

पिंपरी चिंचवाड़ के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "इस मामले में आरोपी किशोर को पकड़ लिया गया है. उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया है, जिसने उसे निरीक्षण गृह में रखने का आदेश दिया है. हमने इस मामले में नाबालिग पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अपील की है. इस संबंध में अलंदी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और मोटर वाहन अधिनियम के तहत केस दर्ज है.''

Advertisement

बताते चलें कि पोर्श कार एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी को भी बाल सुधार गृह में रखा गया है. इसके साथ ही उसके पिता विशाल अग्रवाल, दादा सुरेंद्र अग्रवाल, मां शिवानी अग्रवाल और ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों डॉ अजय तवारे, डॉ श्रीहरि हलनोर, एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पिता और मां पर ब्लड सैंपल बदलने तो दादा पर अपने ही ड्राइवर को अगवा करके बंधक बनाने का आरोप है.

पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया था कि आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने अपने ड्राइवर गंगाराम पर इस हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाया था. 19 मई को नाबालिग आरोपी ने अपनी पोर्श कार से दो सॉफ्ट इंजीनियरों की जान ले ली थी. इसके बाद आरोपी के ड्राइवर ने बयान दिया था कि हादसे के वक्त कार वो चला रहा था. लेकिन सबूतों के आधार पुलिस ने खुलासा कर दिया कि ड्राइवर ने पैसे के लालच में जिम्मेदारी ली थी. 

बताया जा रहा है कि आरोपी के दादा ने सबसे पहले ड्राइवर गंगाराम को बंगले पर बुलाया. पैसे देने का लालच देकर उसे इस बात के लिए तैयार कर लिया कि वो थाने में जाकर ये बयान देगा कि भयानक हादसे के वक्त पोर्श कार को वो ड्राइव कर रहा था. इसके बाद अपने साथ गाड़ी में बैठाकर थाने ले गए. बयान दर्ज करवाया. उसके बाद अपने साथ वापस भी लाए. लेकिन साजिश के तहत उसे घर जाने देने की बजाए बंगले में कैद कर लिया. 

Advertisement

इतना ही नहीं सुरेंद्र अग्रवाल ने गंगाराम का मोबाइल फोन भी छीन लिया, ताकि वो किसी संपर्क न कर सके. इधर पुलिस मुस्तैद थी. दबाव में भी. क्योंकि सूबे के मुखिया यानी सीएम एकनाथ शिंदे खुद इस मामले में नजर बनाए हुए हैं. पूरे देश में इस घटना को लेकर गुस्सा है. लोग पीड़िता परिवारों के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं. इधर ड्राइवर की पत्नी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सुरेंद्र अग्रवाल के बंगले पर छापा मारा, तो पूरी साजिश का खुलासा हो गया. 

Live TV

Advertisement
Advertisement