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डॉ कफील खान मामले में सुनवाई पूरी, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी. पिछले करीब 6 महीने से रासुका के तहत कफील खान जेल में बंद हैं.

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डॉ. कफील खान (फाइल फोटो- पीटीआई)
डॉ. कफील खान (फाइल फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कफील खान मामले में सुनवाई पूरी
  • हाई कोर्ट में दो दिनों तक चली बहस
  • मामले में कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

डॉ कफील खान मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) निरुद्ध के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाई कोर्ट में लगातार दो दिन तक चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया है.

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बता दें कि डॉ कफील को रासुका में निरुद्ध किए जाने को लेकर चुनौती दी गई थी. डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी. दरअसल, डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी.

डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ कफील पर रासुका लगाया था. हालांकि कफील खान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एस डी सिंह की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछले कई महीनों से कफील खान जेल में बंद है. डॉ कफील खान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद हैं.

6 महीने से जेल में

हाल ही में उनकी हिरासत 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी. पिछले करीब 6 महीने से रासुका के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है.

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